2026 भद्रा दोष
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र जनवरी 2026 | |||||
5 जनवरी 2026 |
सोमवार | 01:25 PM | 7 जनवरी 2026 |
बुधवार | 11:56 AM |
15 जनवरी 2026 |
गुरूवार | 03:03 AM | 17 जनवरी 2026 |
शनिवार | 08:12 AM |
24 जनवरी 2026 |
शनिवार | 02:16 PM | 26 जनवरी 2026 |
सोमवार | 12:32 PM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र फ़रवरी 2026 | |||||
1 फ़रवरी 2026 |
रविवार | 11:58 PM | 3 फ़रवरी 2026 |
मंगलवार | 10:10 PM |
11 फ़रवरी 2026 |
बुधवार | 10:53 AM | 13 फ़रवरी 2026 |
शुक्रवार | 04:12 PM |
20 फ़रवरी 2026 |
शुक्रवार | 08:07 PM | 22 फ़रवरी 2026 |
रविवार | 05:54 PM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र मार्च 2026 | |||||
1 मार्च 2026 |
रविवार | 08:34 AM | 3 मार्च 2026 |
मंगलवार | 07:31 AM |
10 मार्च 2026 |
मंगलवार | 07:05 PM | 13 मार्च 2026 |
शुक्रवार | 12:43 AM |
20 मार्च 2026 |
शुक्रवार | 04:05 AM | 22 मार्च 2026 |
रविवार | 12:37 AM |
28 मार्च 2026 |
शनिवार | 02:50 PM | 30 मार्च 2026 |
सोमवार | 02:48 PM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र अप्रैल 2026 | |||||
7 अप्रैल 2026 |
मंगलवार | 02:57 AM | 9 अप्रैल 2026 |
गुरूवार | 08:48 AM |
16 अप्रैल 2026 |
गुरूवार | 01:59 PM | 18 अप्रैल 2026 |
शनिवार | 09:42 AM |
24 अप्रैल 2026 |
शुक्रवार | 08:14 PM | 26 अप्रैल 2026 |
रविवार | 08:27 PM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र मई 2026 | |||||
4 मई 2026 |
सोमवार | 09:58 AM | 6 मई 2026 |
बुधवार | 03:54 PM |
14 मई 2026 |
गुरूवार | 12:17 AM | 15 मई 2026 |
शुक्रवार | 08:14 PM |
22 मई 2026 |
शुक्रवार | 02:49 AM | 24 मई 2026 |
रविवार | 02:09 AM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र जून 2026 | |||||
31 मई 2026 |
रविवार | 04:12 PM | 2 जून 2026 |
मंगलवार | 10:06 PM |
10 जून 2026 |
बुधवार | 09:21 AM | 12 जून 2026 |
शुक्रवार | 06:28 AM |
18 जून 2026 |
गुरूवार | 11:32 AM | 20 जून 2026 |
शनिवार | 09:25 AM |
27 जून 2026 |
शनिवार | 10:11 PM | 30 जून 2026 |
मंगलवार | 04:03 AM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र जुलाई 2026 | |||||
7 जुलाई 2026 |
मंगलवार | 04:24 PM | 9 जुलाई 2026 |
गुरूवार | 02:56 PM |
15 जुलाई 2026 |
बुधवार | 09:46 PM | 17 जुलाई 2026 |
शुक्रवार | 06:34 PM |
25 जुलाई 2026 |
शनिवार | 04:36 AM | 27 जुलाई 2026 |
सोमवार | 10:28 AM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र अगस्त 2026 | |||||
3 अगस्त 2026 |
सोमवार | 10:00 PM | 5 अगस्त 2026 |
बुधवार | 09:18 PM |
12 अगस्त 2026 |
बुधवार | 07:59 AM | 14 अगस्त 2026 |
शुक्रवार | 04:38 AM |
21 अगस्त 2026 |
शुक्रवार | 11:53 AM | 23 अगस्त 2026 |
रविवार | 05:44 PM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र सितंबर 2026 | |||||
31 अगस्त 2026 |
सोमवार | 03:44 AM | 2 सितंबर 2026 |
बुधवार | 02:42 AM |
8 सितंबर 2026 |
मंगलवार | 04:39 PM | 10 सितंबर 2026 |
गुरूवार | 02:04 PM |
17 सितंबर 2026 |
गुरूवार | 07:53 PM | 20 सितंबर 2026 |
रविवार | 01:43 AM |
27 सितंबर 2026 |
रविवार | 11:08 AM | 29 सितंबर 2026 |
मंगलवार | 09:03 AM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र अक्टूबर 2026 | |||||
5 अक्टूबर 2026 |
सोमवार | 11:09 PM | 7 अक्टूबर 2026 |
बुधवार | 09:40 PM |
15 अक्टूबर 2026 |
गुरूवार | 04:03 AM | 17 अक्टूबर 2026 |
शनिवार | 09:47 AM |
24 अक्टूबर 2026 |
शनिवार | 08:32 PM | 26 अक्टूबर 2026 |
सोमवार | 05:41 PM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र नवंबर 2026 | |||||
2 नवंबर 2026 |
सोमवार | 04:30 AM | 4 नवंबर 2026 |
बुधवार | 03:26 AM |
11 नवंबर 2026 |
बुधवार | 11:38 AM | 13 नवंबर 2026 |
शुक्रवार | 05:17 PM |
21 नवंबर 2026 |
शनिवार | 06:50 AM | 23 नवंबर 2026 |
सोमवार | 04:15 AM |
29 नवंबर 2026 |
रविवार | 10:59 AM | 1 दिसंबर 2026 |
मंगलवार | 09:00 AM |
आरम्भ | समाप्त | ||||
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दिनांक | दिन | समय | दिनांक | दिन | समय |
गण्ड मूल नक्षत्र दिसंबर 2026 | |||||
29 नवंबर 2026 |
रविवार | 10:59 AM | 1 दिसंबर 2026 |
मंगलवार | 09:00 AM |
8 दिसंबर 2026 |
मंगलवार | 06:16 PM | 10 दिसंबर 2026 |
गुरूवार | 11:58 PM |
18 दिसंबर 2026 |
शुक्रवार | 04:10 PM | 20 दिसंबर 2026 |
रविवार | 02:55 PM |
26 दिसंबर 2026 |
शनिवार | 08:12 PM | 28 दिसंबर 2026 |
सोमवार | 04:32 PM |
गंडमूल
हिंदू नक्षत्र में कुल 27 नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है, जिसमें कुछ नक्षत्र शुभ है और कुछ अशुभ माने गये हैं। इन अशुभ नक्षत्रों को गंडमूल कहा जाता है।ज्योतिष के अनुसार, इस श्रेणी में आने वाले नक्षत्र हैं अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती। इन नक्षत्रों का आप पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुए बच्चों के जीवन में विभिन्न बाधाओं और समस्याएं आती हैं और इन समस्याओं के निवारण के लिए पूजा की आवश्यकता होती है ।
27 नक्षत्रों में केतु व बुध के अधिकार में आने वाले नक्षत्र गंडमूल कहलाते हैं। ये गंडमूल नक्षत्र अपने अंदर अशुभ व मारक प्रभाव रखते हैं ।
1- अश्विनी नक्षत्र- इस नक्षत्र का स्वामी केतु है और देवता अश्विनी कुमार हैं।
2- अश्लेषा नक्षत्र- बुध इस नक्षत्र के स्वामी हैं और सर्प देवता हैं।
3- मघा नक्षत्र- यह केतु का नक्षत्र हैं और पितृ देवता है।
4- ज्येष्ठा नक्षत्र- इस नक्षत्र के स्वामी बुध है और इंद्र देवता हैं।
5- मूल नक्षत्र- मूल नक्षत्र के स्वामी केतु है और राक्षस इसके देवता है।
6- रेवती नक्षत्र- इसके स्वामी बुध हैं और पूषा इसके देवता है।
क्यों होता है गंडमूल नक्षत्र
हिंदू ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र, राशि और लग्न के संधि काल को अशुभ माना जाता है और गंडमूल नक्षत्र संधि नक्षत्र होत हैं इसलिए आप पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। गंडमूल नक्षत्रों के देवता भी बुरे प्रभाव प्रदान करते हैं। ये नक्षत्र मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु व मीन राशि के आरंभ व अंत में आते हैं। इन राशियों का प्रभाव आपके शरीर, मन, बुद्धि, आयु, भाग्य आदि पर पड़ता है और गंडमूल का प्रभाव भी इन्हीं के ऊपर देखने को मिलता है ।
गंडमूल दोष का प्रभाव
यदि कोई आप गंडमूल नक्षत्र में पैदा होते हैं तो आपको और आपके परिजनों को निम्न कष्टों का सामना करना पड़ सकता है-
1- आपको स्वास्थ्य संबंधी कष्टों का सामना करना पड़ता है ।
1- आपके माता पिता व भाई बहनों के जीवन पर बाधाएं आती हैं ।
1- आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।
1- आपको जीवनयापन में संघर्ष का सामना करना पड़ता है ।
1- परिवार में दरिद्रता आती है ।
1- दुर्घटना का भय बना रहता है ।
आपको बता दें कि मघा नक्षत्र के पहले दो चरण में ही माता और पिता को कष्ट होता है, बाकी के दो चरणों में बच्चे को अच्छा खासा धन व उच्च शिक्षा प्राप्त होती है ।
उपचार-
गंडमूल अश्विनी, मूल या मग में पैदा हुए है तो नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करें, बुधवार या गुरुवार को भूरे रंग के कपड़े दान करें।बच्चे के जन्म के 27वें दिन बाद शांति पूजा किया जाना चाहिए और जब तक शांति पूजा ना हो जाए तब तक पिता को बच्चे का चेहरा नहीं देखना चाहिए ।
गंडमूल अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती में पैदा हुए बच्चे के लिए बुधवार को हरी सब्जियां, धनिया, पन्ना, भूरे रंग के बर्तन और आंवला का दान करें। शिशु पूजा बच्चे के जन्म के 37वें दिन बाद किया जाना चाहिए, लेकिन 10वीं या 19वें दिन भी किया जा सकता है। यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो चंद्रमा जन्म नक्षत्र स्थिति में लौटने पर शांति पूजा करें ।