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Aaj Ka Panchang

आज का पंचांग - दैनिक पंचांग

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आज का पंचांग : 10-दिसंबर-2024, मंगलवार - के लिए हिन्दू कैलेंडर में विक्रम सम्वत : 2081, शक सम्वत : 1946, पूर्णिमान्त : मार्गशीर्ष, अमान्त : मार्गशीर्ष, द्रिक ऋतु : हेमन्त. आज कोई त्योहार नहीं है।, जगह Delhi, India, IN पंचांग कैलेण्डर :   तिथि  दशमी तक 10-12-2024 06:01 AM अगला : एकादशी.  नक्षत्र  उत्तरभाद्रपद तक 09-12-2024 02:56 PM अगला : रेवती.  योग  व्यतिपात तक 10-12-2024 01:04 AM अगला : वरीयान. करण  तैतिल तक 10-12-2024 06:01 AM. आज का राहू काल  से है 14:50:05 upto 16:08:06 . आज का अभिजित मुहूर्त से है 11:54 AM तक 12:35 PM सूर्य राशि है : वृश्चिक चन्द्र राशि है : मीन
पञ्चाङ्ग 10-December-2024 ()
( Delhi, India )
Festival
आज कोई त्योहार नहीं है।
सूर्योदय एवं चन्द्रोदय
सूर्योदय
07:04 AM
सूर्यास्त
05:26 PM
चन्द्रोदय
01:37 PM
चन्द्रास्त
01:30 AM
हिंदू सूर्योदय
07:07 AM
हिंदू सूर्यास्त
05:23 PM
उदय
06:38 AM
संध्याकाल
05:52 PM
समुद्री उदय
06:09 AM
समुद्री संध्याकाल
06:21 PM
रात्रि समाप्त
05:40 AM
रात्रि
06:50 PM
सुनहरे आखिरी घंटे समाप्त
07:39 AM
सुनहरे आखिरी घंटे
04:50 PM
दोपहर
12:15 PM
रात
12:15 AM
पञ्चाङ्ग
तिथि (शुक्ल पक्ष)
दशमी 10-Dec-24 06:01 AM upto
11-Dec-24 03:43 AM
अगली तिथि
एकादशी11-Dec-24 03:43 AM upto
12-Dec-24 01:09 AM
नक्षत्र
उत्तरभाद्रपद09-Dec-24 02:56 PM upto
10-Dec-24 01:30 PM
अगला नक्षत्र
रेवती 10-Dec-24 01:30 PM upto
11-Dec-24 11:47 AM
योग
व्यतिपात10-Dec-24 01:04 AM upto
10-Dec-24 10:01 PM
अगला योग
वरीयान
करण
तैतिल 10-Dec-24 06:01 AM to 10-Dec-24 04:54 PM
अगला करण
गर 10-Dec-24 04:54 PM to 11-Dec-24 03:43 AM
अगला अगला करण
वणिज 11-Dec-24 03:43 AM to 11-Dec-24 02:27 PM
वार
मंगल-मंगलवार
राशि
मीन
चन्द्र मास एवं सम्वत
शक सम्वत
1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत
2081 कालयुक्ति
गुजराती सम्वत
2081
श्री कृष्ण सम्वत
5250
कलियुग सम्वत
5125
हिज़री सम्वत
8 Jumada t-Tania 1446
फ़ारसी सम्वत
20 Azar 1403
यहूदी सम्वत
9 Kislev 5785
चन्द्रमास
मार्गशीर्ष - पूर्णिमान्त
 
मार्गशीर्ष - अमान्त
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
राशि तथा नक्षत्र
चन्द्र राशि
मीन
चन्द्र नक्षत्र
उत्तरभाद्रपद - 3
सूर्य राशि
वृश्चिक
सूर्य नक्षत्र
ज्येष्ठा - 3
पहला चरण
उत्तरभाद्रपद
09-Dec-2024 02:56 PM upto
09-Dec-2024 08:34 PM
दूसरा चरण
उत्तरभाद्रपद
09-Dec-2024 08:34 PM upto
10-Dec-2024 02:13 AM
तीसरा चरण
उत्तरभाद्रपद
10-Dec-2024 02:13 AM upto
10-Dec-2024 07:51 AM
चौथा चरण
उत्तरभाद्रपद
10-Dec-2024 07:51 AM upto
10-Dec-2024 01:30 PM
ऋतु तथा अयन
द्रिक ऋतु
हेमन्त (हेमन्त)
द्रिक अयन
दक्षिणायण
दिनमान
10 hours 1 min 32 sec
रात्रिमान
13 hours 59 min 8 sec
मध्याह्न
12:14 PM
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त
05:15 AM - 06:10 AM
अभिजित मुहूर्त
11:54 AM - 12:35 PM
गोधूलि मुहूर्त
04:59 PM - 05:50 PM
अमृत काल
08:59 AM to 10:29 AM
 
 
प्रातः सन्ध्या
05:55 AM - 07:07 AM
विजय मुहूर्त
01:55 PM - 02:35 PM
सायाह्न सन्ध्या
05:23 PM - 06:35 PM
निशिता मुहूर्त
11:46 PM - 12:42 AM
रवि योग
Pending
अशुभ समय
राहुकाल
14:50:05 - 16:08:06
यमगण्ड
09:38:00 - 10:56:01
गुलिक काल
12:14:03 - 13:32:04
दुर्मुहूर्त
09:06:48 - 09:48:24
 
11:11:38 - 11:53:14
वर्ज्य
12:38 AM to 02:08 AM
बाण
रज, मृत्यु, 6रोग,
( मृत्यु पंचक तक 12-Dec-24 12:39 AM)
गंडमूल
10-Dec-24 01:30 PM
upto
12-Dec-24 09:52 AM
पंचक
कुलिक मुहूर्त
11-Dec-24 01:15 PM
upto
11-Dec-24 01:55 PM
यमघंट मुहूर्त
11-Dec-24 10:34 AM
upto
11-Dec-24 11:14 AM
कालवेला/अर्द्धयाम मुहूर्त
11-Dec-24 09:14 AM
upto
11-Dec-24 09:54 AM
कंटक मुहूर्त
11-Dec-24 07:54 AM
upto
11-Dec-24 08:34 AM
आनन्दादि एवं तमिल योग
आनन्दादि योग
सिद्धि upto 01:30 PM
अगला आनन्दादि योग
Shubha
तमिल योग
सिद्ध upto 01:30 PM
अगला तमिल योग
सिद्ध
निवास और शूल
होमाहुति
सूर्य
अग्निवास
पाताल
upto 11-Dec-24 03:43 AM
अगला अग्निवास
पृथ्वी
upto 12-Dec-24 01:09 AM
शिववास
सभा में
upto 11-Dec-24 03:43 AM
अगला शिववास
काम पर / खेल / क्रीडा
12-Dec-24 01:09 AM
दिशा शूल
North
नक्षत्र शूल
none
चन्द्र वास
उत्तर
राहु वास
पश्चिम
योगिनी वास
उत्तर
upto 11-Dec-24 03:43 AM
उत्तर
upto 11-Dec-24 03:43 AM
अन्य कैलेण्डर एवं युग
कलियुग
5125
कलि अहर्गण
1872189 दिन
जूलियन दिनाङ्क
27-Nov-2024 CE
राष्ट्रीय नागरिक दिनाङ्क
मार्गशीर्ष 19, 1946 शक
लाहिरी अयनांश
24.205777
राटा डाई
739230
जूलियन दिन
2460654.5 दिन
संशोधित जूलियन दिन
60654 दिन
चन्द्रबलम & ताराबलम
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक
वृषभ
मिथुन
कन्या
तुला
मकर
मीन
निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम 01:30 PM तक
अश्विनी
कृत्तिका
मॄगशिरा
पुनर्वसु
अश्लेशा
मघा
उत्तराफाल्गुनी
चित्रा
विशाखा
ज्येष्ठा
मूल
उत्तराषाढा
धनिष्ठा
पूर्वभाद्र्पद
रेवती
उदय-लग्न
राशि
Start
End
वृश्चिक
--
07:40 AM
धनु
07:40 AM
09:43 AM
मकर
09:43 AM
11:22 AM
कुंभ
11:22 AM
12:44 PM
मीन
12:44 PM
02:04 PM
मेष
02:04 PM
03:35 PM
बृषभ
03:35 PM
05:29 PM
मिथुन
05:29 PM
07:44 PM
कर्क
07:44 PM
10:08 PM
सिंह
10:08 PM
12:30 AM
कन्या
12:30 AM
02:52 AM
तुला
02:52 AM
05:15 AM
ग्रह
राशि
नक्षत्र
सूर्य
वृश्चिक
ज्येष्ठा
चंद्र
मीन
उत्तरभाद्रपद
मंगल (R)
कर्क
पुष्य
बुध (R) (S)
वृश्चिक
अनुराधा
गुरु (R)
बृषभ
रोहिणी
शुक्र
मकर
उत्तराषाढा
शनि
कुंभ
शतभिषा
राहु (R)
मीन
उत्तरभाद्रपद
केतु (R)
कन्या
उत्तराफाल्गुनी
चौघड़िया
दिन का चौघड़िया
रोग-अमंगल
07:14 AM to 08:29 AM
उद्वेग-अशुभ
08:29 AM to 09:44 AM
चर-सामान्य
09:44 AM to 10:59 AM
लाभ-उन्नति
10:59 AM to 12:14 PM
अमृत-सर्वोत्तम
12:14 PM to 01:30 PM
काल-हानि
01:30 PM to 02:45 PM
शुभ-उत्तम
02:45 PM to 04:00 PM
रोग-अमंगल
04:00 PM to 05:15 PM
रात्रि का चौघड़िया
काल-हानि
05:15 PM to 07:00 PM
लाभ-उन्नति
07:00 PM to 08:45 PM
उद्वेग-अशुभ
08:45 PM to 10:30 PM
शुभ-उत्तम
10:30 PM to 12:14 AM
अमृत-सर्वोत्तम
12:14 AM to 01:59 AM
चर-सामान्य
01:59 AM to 03:44 AM
रोग-अमंगल
03:44 AM to 05:29 AM
काल-हानि
05:29 AM to 07:14 AM
होरा
दिन का होरा
मंगल - आक्रामक
07:14 AM to 08:04 AM
सूर्य - बलवान
08:04 AM to 08:54 AM
शुक्र - लाभदायी
08:54 AM to 09:44 AM
बुध - तीव्र
09:44 AM to 10:34 AM
चन्द्र - नम्र
10:34 AM to 11:24 AM
शनि - मन्द
11:24 AM to 12:14 PM
गुरु - फलदायक
12:14 PM to 01:05 PM
मंगल - आक्रामक
01:05 PM to 01:55 PM
सूर्य - बलवान
01:55 PM to 02:45 PM
शुक्र - लाभदायी
02:45 PM to 03:35 PM
बुध - तीव्र
03:35 PM to 04:25 PM
चन्द्र - नम्र
04:25 PM to 05:15 PM
रात्रि का होरा
शनि - मन्द
05:15 PM to 06:25 PM
गुरु - फलदायक
06:25 PM to 07:35 PM
मंगल - आक्रामक
07:35 PM to 08:45 PM
सूर्य - बलवान
08:45 PM to 09:55 PM
शुक्र - लाभदायी
09:55 PM to 11:05 PM
बुध - तीव्र
11:05 PM to 12:15 AM
चन्द्र - नम्र
12:15 AM to 01:25 AM
शनि - मन्द
01:25 AM to 02:35 AM
गुरु - फलदायक
02:35 AM to 03:44 AM
मंगल - आक्रामक
03:44 AM to 04:54 AM
सूर्य - बलवान
04:54 AM to 06:04 AM
शुक्र - लाभदायी
06:04 AM to 07:14 AM
मुहूर्त
दिवस मुहूर्त
प्रातः
रुद्र-आर्द्रा
07:14 AM to 07:54 AM
प्रातः
अहि-अश्लेषा
07:54 AM to 08:34 AM
प्रातः
मित्र-अनुराधा
08:34 AM to 09:14 AM
सङ्गव
पितृ-मघा
09:14 AM to 09:54 AM
सङ्गव
वसु-धनिष्ठा
09:54 AM to 10:34 AM
सङ्गव
अंबु-पूर्वाषाढ़ा
10:34 AM to 11:14 AM
मध्याह्न
विश्वेदेवा-उत्तराषाढ़ा
11:14 AM to 11:54 AM
मध्याह्न - अभिजित मुहूर्त
अभिजित/विधि-अभिजित
11:54 AM to 12:35 PM
मध्याह्न
विधाता/सतमुखी-रोहिणी
12:35 PM to 01:15 PM
अपराह्ण
पुरुहुता-ज्येष्ठा
01:15 PM to 01:55 PM
अपराह्ण - विजय मुहूर्त
इन्द्राणि/वाहिनी-बिशाखा
01:55 PM to 02:35 PM
अपराह्ण
निर्रिति/नक्ताँचर-मूल
02:35 PM to 03:15 PM
सायाह्न
वरुण/उदाकांत-शतभिषा
03:15 PM to 03:55 PM
सायाह्न
आर्यमान-उत्तराफाल्गुणी
03:55 PM to 04:35 PM
सायाह्न
भग-पूर्वाफाल्गुणी
04:35 PM to 05:15 PM
रात्रि मुहूर्त
प्रदोष सायाह्न सन्ध्या
गिरिश-आर्द्रा
05:15 PM to 06:11 PM
प्रदोष - 1/2 सायाह्न सन्ध्या
अजापाद-पूर्वाभाद्रपद
06:11 PM to 07:07 PM
प्रदोष
अहिर्बुधन्य-उत्तराभाद्रपद
07:07 PM to 08:03 PM
रात्रि
पुषण-रेवती
08:03 PM to 08:59 PM
रात्रि
अश्वि-अश्विनी
08:59 PM to 09:55 PM
रात्रि
यम-भरणी
09:55 PM to 10:51 PM
रात्रि
अग्नि-कृतिका
10:51 PM to 11:46 PM
निशिता - महानिशिता मुहूर्त
विधार्थी-रोहिणी
11:46 PM to 12:42 AM
रात्रि
चंदा-मृगशिरा
12:42 AM to 01:38 AM
रात्रि
अदिति-पुनर्वसु
01:38 AM to 02:34 AM
रात्रि
जीवा-पुष्य
02:34 AM to 03:30 AM
रात्रि
विष्णु-श्रवण
03:30 AM to 04:26 AM
रात्रि
अर्क-हस्त
04:26 AM to 05:22 AM
अरुणोदय - 1/2 प्रातः सन्ध्या
त्वष्ट्री-चित्रा
05:22 AM to 06:18 AM
अरुणोदय - प्रातः सन्ध्या
मरुत-स्वाति
06:18 AM to 07:13 AM

आज का पंचांग


हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग का शाब्दिक अर्थ है पांच अंग। काल गणना की रीति से बने हुए कालदर्शक को पंचांग कहते है। पंचांग के माध्यम से समय व काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग एक दैनिक ज्योतिषीय (पारंपरिक) कैलेंडर है जो ग्रहों व सूक्ष्य स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारें में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। यह पंचांग की पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरु करने के लिए शुभ तिथि, मुहूर्त या समय का निर्धारण करते है।

पंचांग को पंचांग इसलिए कहते हैं क्योंकि इसके पांच प्रमुख अंग होते है। यानि पंच + अंग = पंचांग। यही हिंदू काल गणना की रीति से निर्मित पारंपरिक कैलेंडर या कालदर्शक को कहते हैं। पंचांग नाम इसके पांच प्रमुख भागों से बने होने के कारण है, जो इस प्रकार है, तिथि, वार, नक्षत्र, योग व करण। इसकी गणना के आधार पर हिंदू पंचांग की तीन धाराएं हैं, पहली चंद्र आधारित, दूसरी नक्षत्र आधारित और तीसरी सूर्य आधारित कैलेंडर पद्धति। पंचांग मुख्य रूप से सूर्य और चंद्रमा की गति को दर्शाता है। हिंदू धर्म में पंचांग के परामर्श के बिना शादी विवाह, गृह प्रवेश, उद्घाटन कार्यक्रम, नया व्यवसाय, आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते है।

आज का पंचांग क्या होता है

पंचांग का उपयोग विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा हजारों सालों से किया जा रहा है। दैनिक पंचांग के माध्यम से किसी शुभ कार्य को शुरु करने, मुहूर्त निकालने के लिए सबसे उपयुक्त समय निर्धारित समय, तिथि और दिन के बारें में सभी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते है। साथ ही सभी नकारात्मक प्रभावों और अनावश्यक परेशानियों को दूर कर सकते है।

दरअसल वेदों और प्राचीन ऋषियों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है, ऐसे में पंचांग किसी व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। ऐसे में दैनिक पंचांग के द्वारा किसी भी नए व अच्छे काम को शुरु करने के लिए इसका पालन करें जैसे विवाह समारोह, उद्घाटन, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, समाजिक मामले, आदि शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करने की सलाह दी जाती है।

पंचांग के कितने अंग होते है

पंचांग का निर्माण पांच अंगों तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण के आधार पर होता है।

तिथिः

चंद्र और सूर्य के अंतर अंशों के मान यदि 12 अंश के हो तो वो एक तिथि कहलाती है। जब अंतर 180 अंशों का होता है तो उस तिथि को पूर्णिमा कहते है जब यह अंतर 0 या 360 अंशों का होता है तो उस तिथि को अमावस्या कहते है। चंद्रमा की एक कला को तिथि कहते है। एक मास में लगभग 30 तिथि होती है। जिसमें पूर्णिमा और अमावस्या दो प्रमुख तिथियां है। इसमें 15 तिथि कृष्ण पक्ष और 15 तिथि शुक्ल पक्ष की होती है।

हिंदी कैलेंडर के अनुसार महीने को दो भाग में बांटा गया है, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। अमावस्या से पूर्णिमा के बीच की अवधि को शुक्ल पक्ष कहते है। वहीं पूर्णिमा से अमावस्या के बीच की अवधि को कृष्ण पक्ष कहते है।

वारः

एक सूर्योदय से दूसरे दिन के सूर्योदय तक की कलावधि को वार कहते है। वार सात होते है। सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार।

नक्षत्रः

नक्षत्र कुल 27 होते है। प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं और 9 चरणों के मिलने से एक राशि बनती है। 27 नक्षत्रों के नाम इस प्रकार हैः अश्विनी, भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती।

योगः

सूर्य चंद्रमा के संयोग से योग बनता है ये कुल 27 होते है। जिन्हें विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, घृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रव, व्याघात, हर्षल, वड्का, सिद्धि, व्यतीपात, वरीयान, परिधि, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, ऐन्द्र, वैघृति।

करणः

तिथि के आधे भाग को करण कहते हैं यदि एक तिथि में दो करण होते हैं। करण की संख्या ग्याहर होती है, जो इस प्रकार हैः बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज्य, विष्टी (भद्रा), शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किंस्तुघन। स्थिर करण 7 और चर करण 4 होते है।

पंचांग का महत्व

पंचांग का क्या महत्व होता है इसके बारें में बात करते है। दरअसल पंचांग मुख्यतः समय की गणना के लिए होता है। पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्व माना गया है। पंचांग का पठन व श्रवण अति शुभ होता है। हमारी भारतीय संस्कृति में या वैदिक काल के समय से ही ग्रहों और नक्षत्रों की गति के आधार पर शुभ और अशुभ मुहूर्त निकाले जाते है, जो मानव जीवन पर अपना गहरा प्रभाव डालते है। ऐसे में शुभ समय समय का ज्ञान होना आवश्यक रहता है। कौन सा दिन, कौन सी घड़ी, कौन सा पहर शुभ है, कौन सा अशुभ है? कौन सा योग और तिथि महत्वपूर्ण है इन्हीं सबको जानने में पंचांग मददगार होता है। जैसे विवाह के लिए शुभ मुहूर्त कौन सा है? ग्रह प्रवेश या नये काम की शुरुआत, पूजा और उनका शुभ मुहूर्त भी पंचांग के द्वारा निकाला जाता है। हिंदू धर्म में पंचांग के बिना तीज, त्योहार, उत्सव और कार्य का शुभारंभ, पंचांग की मदद से तिथि और मुहूर्त की गणना के द्वारा किया जाता है। पंचांग के 5 अंगों ( वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण) की गणना करके मुहूर्त निकालते है।

पंचांग कैसे कार्य करता है

पंचांग विभिन्न ज्योतिषीय घटनाओं के बारें में सटीक जानकारी प्रदान करता है और किसी नए कार्य की शुरुआत के लिए श्रेष्ठ समय निकालने में मदद करता है। दैनिक पंचांग को समझने के लिए इससे अच्छी तरह से वाकिफ होना जरूरी है।

सूर्योदय और सूर्यास्त-

सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक का समय एक दिन माना जाता है। ऐसे में सभी प्रमुख निर्णय सूर्य व चंद्रमा की स्थिति पर विचार करने के बाद ही लिए जाते है।

चंद्रोदय और चंद्रास्त-

उपयुक्त समय का निर्धारण करने लिए चंद्रोदय और चंद्रास्त का समय हिंदू पंचांग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

शक संवत्-

शक संवत आधिकारिक भारतीय नागरिक कैलेंडर है, जिसे 78 ईस्वी में स्थापित किया गया था।

पक्ष-

तिथि को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। तिथि के प्रत्येक आधे भाग को एक पक्ष के रूप में जाना जाता है। इसके दो पक्ष है- शुक्ल पक्ष, कृष्ण पक्ष।

शुभ समय

अभिजीत नक्षत्र-

आपको बता दें कि जब भगवान ब्रह्मा मकर राशि में स्थित होते हैं, तो इसे अभिजीत नक्षत्र के रूप में जाना जाता है। किसी भी तरह के नए कार्य को करने या नई खरीददारी करने या नए सामान को लेने के लिए सबसे शुभ अवधि में से एक माना जाता है।

अमृत काल-

यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है, इस दौरान अन्नप्राशन संस्कार, मुंडन और अन्य हिंदू अनुष्ठान करना श्रेष्ठ होता है।

अशुभ समय

गुलिक काल-

बता दें कि गुलिका मंडा के बेटे उर्फ शनि थे। इस समय को गुलिकाई काल के नाम से जाना जाता है। इस दौरान शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

राहु काल-

राहु की काल किसी भी कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में राहु के प्रभाव से आपको पूरी तरह बचना चाहिए।

दुर्मुहूर्त

यह समय सूर्यास्त से पहले एक बार आता है। कोई अच्छा कार्य इस समय करने से बचना चाहिए।

यमगण्ड

यह एक अशुभ अवधि होती है, किसी भी उद्यम कार्य की शुरुआत इस समय नहीं करनी चाहिए।