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Gandamool Dates Timings

2028 भद्रा दोष

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भद्रा 2028

आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जनवरी 2028
5 जनवरी
2028
बुधवार 12:42 AM7 जनवरी
2028
शुक्रवार 03:35 AM
13 जनवरी
2028
गुरूवार 04:37 PM15 जनवरी
2028
शनिवार 11:25 AM
22 जनवरी
2028
शनिवार 07:34 AM24 जनवरी
2028
सोमवार 11:27 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र फ़रवरी 2028
1 फ़रवरी
2028
मंगलवार 07:42 AM3 फ़रवरी
2028
गुरूवार 11:39 AM
10 फ़रवरी
2028
गुरूवार 04:02 AM11 फ़रवरी
2028
शुक्रवार 10:01 PM
18 फ़रवरी
2028
शुक्रवार 01:25 PM20 फ़रवरी
2028
रविवार 05:13 PM
28 फ़रवरी
2028
सोमवार 01:39 PM1 मार्च
2028
बुधवार 05:52 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र मार्च 2028
28 फ़रवरी
2028
सोमवार 01:39 PM1 मार्च
2028
बुधवार 05:52 PM
8 मार्च
2028
बुधवार 03:00 PM10 मार्च
2028
शुक्रवार 09:28 AM
16 मार्च
2028
गुरूवार 08:53 PM18 मार्च
2028
शनिवार 11:43 PM
26 मार्च
2028
रविवार 07:39 PM28 मार्च
2028
मंगलवार 11:29 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अप्रैल 2028
4 अप्रैल
2028
मंगलवार 11:34 PM6 अप्रैल
2028
गुरूवार 07:26 PM
13 अप्रैल
2028
गुरूवार 06:08 AM15 अप्रैल
2028
शनिवार 07:41 AM
23 अप्रैल
2028
रविवार 02:31 AM25 अप्रैल
2028
मंगलवार 05:54 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र मई 2028
2 मई
2028
मंगलवार 05:41 AM4 मई
2028
गुरूवार 02:49 AM
10 मई
2028
बुधवार 03:53 PM12 मई
2028
शुक्रवार 04:41 PM
20 मई
2028
शनिवार 10:21 AM22 मई
2028
सोमवार 01:40 PM
29 मई
2028
सोमवार 11:05 AM31 मई
2028
बुधवार 08:22 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जून 2028
7 जून
2028
बुधवार 12:39 AM9 जून
2028
शुक्रवार 01:31 AM
16 जून
2028
शुक्रवार 06:37 PM18 जून
2028
रविवार 10:24 PM
25 जून
2028
रविवार 05:44 PM27 जून
2028
मंगलवार 02:05 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जुलाई 2028
4 जुलाई
2028
मंगलवार 07:40 AM6 जुलाई
2028
गुरूवार 09:13 AM
14 जुलाई
2028
शुक्रवार 02:33 AM16 जुलाई
2028
रविवार 07:04 AM
23 जुलाई
2028
रविवार 02:35 AM24 जुलाई
2028
सोमवार 09:41 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अगस्त 2028
31 जुलाई
2028
सोमवार 01:21 PM2 अगस्त
2028
बुधवार 03:31 PM
10 अगस्त
2028
गुरूवार 09:36 AM12 अगस्त
2028
शनिवार 02:45 PM
19 अगस्त
2028
शनिवार 01:02 PM21 अगस्त
2028
सोमवार 07:29 AM
27 अगस्त
2028
रविवार 07:03 PM29 अगस्त
2028
मंगलवार 09:07 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र सितंबर 2028
6 सितंबर
2028
बुधवार 03:48 PM8 सितंबर
2028
शुक्रवार 09:09 PM
15 सितंबर
2028
शुक्रवार 11:29 PM17 सितंबर
2028
रविवार 06:24 PM
24 सितंबर
2028
रविवार 02:17 AM26 सितंबर
2028
मंगलवार 03:21 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अक्टूबर 2028
3 अक्टूबर
2028
मंगलवार 09:47 PM6 अक्टूबर
2028
शुक्रवार 02:54 AM
13 अक्टूबर
2028
शुक्रवार 08:13 AM15 अक्टूबर
2028
रविवार 04:32 AM
21 अक्टूबर
2028
शनिवार 11:35 AM23 अक्टूबर
2028
सोमवार 11:16 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र नवंबर 2028
31 अक्टूबर
2028
मंगलवार 04:20 AM2 नवंबर
2028
गुरूवार 09:08 AM
9 नवंबर
2028
गुरूवार 02:36 PM11 नवंबर
2028
शनिवार 12:19 PM
17 नवंबर
2028
शुक्रवार 10:02 PM19 नवंबर
2028
रविवार 08:48 PM
27 नवंबर
2028
सोमवार 11:51 AM29 नवंबर
2028
बुधवार 04:40 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र दिसंबर 2028
6 दिसंबर
2028
बुधवार 07:58 PM8 दिसंबर
2028
शुक्रवार 05:59 PM
15 दिसंबर
2028
शुक्रवार 07:42 AM17 दिसंबर
2028
रविवार 06:38 AM
24 दिसंबर
2028
रविवार 08:04 PM27 दिसंबर
2028
बुधवार 01:16 AM

गंडमूल

हिंदू नक्षत्र में कुल 27 नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है, जिसमें कुछ नक्षत्र शुभ है और कुछ अशुभ माने गये हैं। इन अशुभ नक्षत्रों को गंडमूल कहा जाता है।ज्योतिष के अनुसार, इस श्रेणी में आने वाले नक्षत्र हैं अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती। इन नक्षत्रों का आप पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुए बच्चों के जीवन में विभिन्न बाधाओं और समस्याएं आती हैं और इन समस्याओं के निवारण के लिए पूजा की आवश्यकता होती है ।

27 नक्षत्रों में केतु व बुध के अधिकार में आने वाले नक्षत्र गंडमूल कहलाते हैं। ये गंडमूल नक्षत्र अपने अंदर अशुभ व मारक प्रभाव रखते हैं ।

1- अश्विनी नक्षत्र- इस नक्षत्र का स्वामी केतु है और देवता अश्विनी कुमार हैं।

2- अश्लेषा नक्षत्र- बुध इस नक्षत्र के स्वामी हैं और सर्प देवता हैं।

3- मघा नक्षत्र- यह केतु का नक्षत्र हैं और पितृ देवता है।

4- ज्येष्ठा नक्षत्र- इस नक्षत्र के स्वामी बुध है और इंद्र देवता हैं।

5- मूल नक्षत्र- मूल नक्षत्र के स्वामी केतु है और राक्षस इसके देवता है।

6- रेवती नक्षत्र- इसके स्वामी बुध हैं और पूषा इसके देवता है।

क्यों होता है गंडमूल नक्षत्र

हिंदू ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र, राशि और लग्न के संधि काल को अशुभ माना जाता है और गंडमूल नक्षत्र संधि नक्षत्र होत हैं इसलिए आप पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। गंडमूल नक्षत्रों के देवता भी बुरे प्रभाव प्रदान करते हैं। ये नक्षत्र मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु व मीन राशि के आरंभ व अंत में आते हैं। इन राशियों का प्रभाव आपके शरीर, मन, बुद्धि, आयु, भाग्य आदि पर पड़ता है और गंडमूल का प्रभाव भी इन्हीं के ऊपर देखने को मिलता है ।

गंडमूल दोष का प्रभाव

यदि कोई आप गंडमूल नक्षत्र में पैदा होते हैं तो आपको और आपके परिजनों को निम्न कष्टों का सामना करना पड़ सकता है-

1- आपको स्वास्थ्य संबंधी कष्टों का सामना करना पड़ता है ।

1- आपके माता पिता व भाई बहनों के जीवन पर बाधाएं आती हैं ।

1- आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।

1- आपको जीवनयापन में संघर्ष का सामना करना पड़ता है ।

1- परिवार में दरिद्रता आती है ।

1- दुर्घटना का भय बना रहता है ।

आपको बता दें कि मघा नक्षत्र के पहले दो चरण में ही माता और पिता को कष्ट होता है, बाकी के दो चरणों में बच्चे को अच्छा खासा धन व उच्च शिक्षा प्राप्त होती है ।

उपचार-

गंडमूल अश्विनी, मूल या मग में पैदा हुए है तो नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करें, बुधवार या गुरुवार को भूरे रंग के कपड़े दान करें।बच्चे के जन्म के 27वें दिन बाद शांति पूजा किया जाना चाहिए और जब तक शांति पूजा ना हो जाए तब तक पिता को बच्चे का चेहरा नहीं देखना चाहिए ।

गंडमूल अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती में पैदा हुए बच्चे के लिए बुधवार को हरी सब्जियां, धनिया, पन्ना, भूरे रंग के बर्तन और आंवला का दान करें। शिशु पूजा बच्चे के जन्म के 37वें दिन बाद किया जाना चाहिए, लेकिन 10वीं या 19वें दिन भी किया जा सकता है। यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो चंद्रमा जन्म नक्षत्र स्थिति में लौटने पर शांति पूजा करें ।