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हिंदी कैलेंडर

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30, चैत्र
कृष्ण पक्ष, अमावस्या
2081 कालयुक्ति, विक्रम संवत
Delhi, India
08
मई 2024
बुधवार
मई, 2024 कैलेंडर
रविवार
सोमवार
मंगलवार
बुधवार
गुरुवार
शुक्रवार
शनिवार
K चतुर्थी
K सप्तमी
कालाष्टमी
K एकादशी
बरूथिनी एकादशी वल्लभाचार्य जयन्ती अग्नि नक्षत्रम् प्रारम्भ
K द्वादशी
प्रदोष व्रत
K त्रयोदशी
मासिक शिवरात्रि
K चतुर्दशी
दर्श अमावस्या रबीन्द्रनाथ टैगोर जयन्ती
K अमावस्या
वैशाख अमावस्या मासिक कार्तिगाई टैगोर जयन्ती *बंगाल
S प्रतिपदा
चन्द्र दर्शन
S तृतीया
परशुराम जयन्ती अक्षय तृतीया वर्षी तप पारण मातङ्गी जयन्ती रोहिणी व्रत
S चतुर्थी
विनायक चतुर्थी
S पंचमी
शंकराचार्य जयन्ती सूरदास जयन्ती रामानुज जयन्ती
S षष्ठी
स्कन्द षष्ठी
S सप्तमी
गंगा सप्तमी वृषभ संक्रान्ति
S अष्टमी
मासिक दुर्गाष्टमी बगलामुखी जयन्ती
S अष्टमी
सीता नवमी
S दशमी
महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान
S एकादशी
मोहिनी एकादशी परशुराम द्वादशी
S द्वादशी
प्रदोष व्रत
S त्रयोदशी
नरसिंघ जयन्ती छिन्नमस्ता जयन्ती
S चतुर्दशी
S पूर्णिमा
वैशाख पूर्णिमा कूर्म जयन्ती बुद्ध पूर्णिमा पूर्णिमा उपवास वैकासी विसाकम
K प्रतिपदा
ज्येष्ठ प्रारम्भ *उत्तर नारद जयन्ती
K तृतीया
संकष्टी चतुर्थी
K पंचमी
अग्नि नक्षत्रम् समाप्त
K सप्तमी
कालाष्टमी
K नवमी
हनुमान जयन्ती *तेलुगू
पंचक मई, 2024
02-May 02:29 PM to 06-May 05:42 PM
29-May 08:04 PM to 03-Jun 01:40 AM
गण्डमूल मई, 2024
05-May 07:57 PM to 07-May 03:32 PM
14-May 01:04 PM to 16-May 06:13 PM
14-May 01:05 PM to 16-May 06:13 PM
24-May 10:10 AM to 26-May 10:35 AM
भद्रा मई, 2024
03-May 12:41 PM to 03-May 11:24 PM
06-May 02:40 PM to 07-May 01:10 AM
11-May 02:21 PM to 12-May 02:04 AM
15-May 04:19 AM to 15-May 05:17 PM
19-May 12:38 AM to 19-May 01:50 PM
22-May 06:48 PM to 23-May 07:09 AM
26-May 06:35 AM to 26-May 06:06 PM
29-May 01:39 PM to 30-May 12:43 AM
पंचांग मई, 08 2024
सूर्योदय: 05:36:08 AM
सूर्यास्त: 07:01:46 PM
चंद्रोदय: 05:30:58 AM
चंद्रास्त: 07:36:07 PM
विक्रम सम्वत: 2081 कालयुक्ति
शक सम्वत:1946 क्रोधी
अमान्त महीना:चैत्र
पूर्णिमान्त महीना:बैशाख
वार:बुधवार
पक्ष: कृष्ण
तिथि: अमावस्या upto 06:08
नक्षत्र: भरणी upto 01:33
योग: सौभाग्य upto 05:39
करण:नाग upto 06:08
सूर्य राशि:मेष
चन्द्र राशि:मेष
राहुकाल:12:17 - 13:58
गुलिक काल:10:36 - 12:17
यमगण्ड:07:14 - 08:55
अभिजित मुहूर्त:11:50 to 11:50
दुर्मुहूर्त: 11:50 - 12:44
अमृत काल:09:09 - 10:37
वर्ज्य:00:44 - 02:12

हिंदी कैलेंडर

पौराणिक मान्यता के अनुसार ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना शुरू की थी। इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नौका को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। प्रलयकाल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई।

मासिक पंचांग का चलनप्राचीन काल से प्रमुख स्थान रहा है। कैलेंडर का सबसे प्रमुख उल्लेख वेदों में पाया गया है, जो कि, 1200 ईसा पू से हिंदू नैतिक प्रणाली का प्रमुख आधार है।हिंदू कैलेंडर को बनाने में तारों की सहायता ली गई और सूर्य व चंद्रमा की खगोलीय घटना का सहारा लिया गया। पंचांग के पांच अंगों को जमाया गया। जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण के जरिए खगोलीय पिंडों पर नजर रखी जाने लगी। आज खगोलीय घटना को देखने के लिए आकाश की ओर नजर उठाकर देखने की जरुरत नहीं है बल्कि पंचांग की गणनाओं को देखकर भी सबकुछ बताया जा सकता है।

चंद्रमा की गति से दिन और मास का निर्धारण होता है। वहीं सूर्य की गति से वर्ष का निर्धारण होता है। चंद्र मास और सौर वर्ष मिलकर एक विक्रम संवत् बनाते हैं। यह ना केवल तिथि की जानकारी देता है बल्कि यह भी तय करता है कि मौसम इस वर्ष था, ठीक एक वर्ष बाद किस दिन ठीक ऐसा ही मौसम रहेगा।

हमारे त्योहार, उत्सव और उपवास तक हिंदू कैलेंडर के अनुरूप चलते हैं। आपको बताते हैं इसकी गणना

- प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के 15-15 दिन होते हैं।

- जब रात अंधेरी तो कृष्ण पक्ष और जब उजली तो शुक्ल पक्ष।

- पहले दिन को एकम या प्रतिपदा बोला जाता है, फिर द्वितीय या दूज, तृतीया या तीज, चतुर्थी या चौथ, पंचमी, षष्ठी-छठ, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी- तेरस, चतुर्दशी- चौदस।

- कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस –अमावस्या और शुक्ल पक्ष के अंत को पूनम- पूर्णिमा बोला जाता है।

- छह ऋतुओं के दो- दो माह होते है- बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त और शिशिर।

- वर्ष में दो अयन होते है जिन्हें दक्षिणायन और उत्तरायण कहते हैं।