आज का राहू काल - राहु काल का समय
15-मई -2022
रविवारआज राहु काल का समय in Delhi, India
सूर्योदय : 05:33
सूर्यास्त : 19:01
चन्द्रोदय :
चन्द्रास्त :
राहु काल
17:21 - 19:02
गुलिक काल
17:14 - 18:08
यमगण्ड
12:18 - 13:59
दुर्मुहूर्त
17:14 - 18:08
वर्ज्य
20:39:02 To
22:05:54
गुरूवार | 11 अगस्त, 2022 | 14:05 - 15:44 |
शुक्रवार | 12 अगस्त, 2022 | 10:48 - 12:26 |
शनिवार | 13 अगस्त, 2022 | 09:09 - 10:48 |
रविवार | 14 अगस्त, 2022 | 17:21 - 18:59 |
सोमवार | 15 अगस्त, 2022 | 07:31 - 09:09 |
मंगलवार | 16 अगस्त, 2022 | 15:41 - 17:19 |
बुधवार | 17 अगस्त, 2022 | 12:25 - 14:03 |
आज का राहु काल
राहुकाल भारतीय पंचांग में एक विशिष्ट अवधि होती है जो दैनिक आधार पर होती है। यह समयावधि किसी भी विशेष या शुभ कार्य को करने के लिए प्रतिकूल मानी जाती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कोई भी शुभ कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त, राहु काल और यमगंडम काल की जांच करना महत्वपूर्ण है ।
राहु काल क्या होता है
राहु काल या राहु कलाम दिन का सबसे प्रतिकूल समय है, उस समय आप कोई भी शुभ कार्य करते हैं तो आपको कभी भी अनुकूल परिणाम की प्राप्ति नहीं होती है। ज्योतिषी हमेशा शुभ मुहूर्त की गणना करते हुए दिन के इन 90 मिनटों को छोड़ देते हैं ।
ज्योतिष में राहु काल
हिंदू वैदिक ज्योतिष में कुल 9 ग्रह है- सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, शुक्र बृहस्पति, शनि, राहु और केतु है। जिसमें राहु केतु का कोई भौतिक शरीर नहीं है और राहु को उत्तरी सिरा और केतु को दक्षिणी सिरा मानते हैं। इन दोनों को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रह को माना जाता है। ऐसे में राहु काल को दिन के अशुभ समय माना जाता है। राहु और केतु सूर्य को ग्रहण लगाने और ब्रह्मांड पर पड़ने वाले प्रकाश को दूर करने की क्षमता मौजूद है। इस कारण इन्हें अमंगल और प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले अशुभ ग्रह मानते हैं ।
राहु काल की गणना
राहुकाल हफ्ते के सातों दिनों में डेढ. घंटे यानि 90 मिनट के निश्चित समय तक रहता है और यह अलग-अलग स्थानों के लिए अलग-अलग भी होता है क्योंकि प्रत्येक स्थान पर सूर्योदय और सूर्यास्त का स्थान भिन्न भिन्न होता है। उदाहरण के तौर पर भारत के अरुणांचल प्रदेश में सूर्योदय सबसे पहले होता है तो वहां के राहुकाल की गणना अलग होगी। इसी प्रकार सबसे बाद में सूर्यास्त भारत के पश्चिमी तट यानि गुजरात में होता है तो वहां के राहुकाल की गणना अलग होगी। उपरोक्त उदाहरण को भारत के संदर्भ में लिया गया है ।
आपको राहुकाल में शुभ कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है। साथ ही कार्य करने के लिए समय शुभ है या नहीं इसके बारे में जानकारी आप हिंदू पंचांग से लगा सकते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार राहुकाल प्रतिदिन बदलता रहता है ।
प्रत्येक दिन का राहु काल
आप राहु काल की गणना सूरज के निकलने से लेकर उसके डूबने के आधार पर ही कर सकते हैं। यह गणना प्रतिदिन कुछ बदल भी सकती है क्योंकि हर दिन सूर्योदय और सूर्यास्त का समय कुछ बदल सकता है। क्योंकि दिन और रात को 12-12 घंटों में बांटा गया है। इसीलिए 12 घंटों बराबर आठ भागों में बांट लिया जाता है। जिससे प्रत्येक भाग डेढ. घंटे का होता है ।
सोमवार - दूसरा मुहूर्त- प्रात: 7.30 से 9.00 तक
मंगलवार - सातवां मुहूर्त- दिन 3.00 से 4.30 तक
बुधवार - पांचवां मुहूर्त- दिन 12.00 से 1.30 तक
गुरुवार - छटवां मुहूर्त- दिन 1.30 से 3.00 तक
शुक्रवार - चौथा मुहूर्त- प्रात:10.30 से 12.00 तक
शनिवार - तीसरा मुहूर्त- प्रात:9.00 से 10.30 तक
रविवार - आठवां मुहूर्त- सायं4.30 से 6.00 तक
राहु काल के समय क्या करें, क्या नहीं
अपने जीवन में राहु की दशा को कम करने के लिए इस समयावधि में आपको कुछ काम अवश्य करने चाहिए-
इस दौरान आपको देवी दुर्गा के पूजा की शुरुआत कर देनी चाहिए और दुर्गा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। साथ ही साथ भगवान शिव की आराधना के साथ काल भैरव बीज मंत्र अवश्य पढ़ना चाहिए। यदि आप कोई नया व्यवसाय या आयोजन शुरू करने की योजना बना रहे हैं तो राहु काल को शुभ नहीं माना जाता है। हालांकि शुभ मुहूर्त में पहले से शुरू होने वाली दैनिक गतिविधियों को जारी रखने में कोई समस्या नहीं होती है। राहु काल के समय आपको विवाह संस्कार, गृह प्रवेश, पूजा और अनुष्ठान, नये व्यवसाय की शुरुआत और अन्य शुभ कार्य की शुरुआत करने शुभ नहीं माना जाता है ।
राहु काल के उपाय
यदि राहुकाल के समय यात्रा करना या किसी शुभ कार्य के लिए बाहर जाना बेहद जरूरी हो तो घर से पान, दही या फिर कुछ मीठा खाकर निकलें। इसके अलावा आप राहुकाल के समय घर से निकलने के पहले 10 कदम उल्टे चलें और फिर अपनी यात्रा पर निकलें। वहीं अगर कोई शुभ या मंगल कार्य करना है तो हनुमान चालीसा पढ़ने के पश्चात् करें ।
यमगंडम या यमगंडम काल का क्या अर्थ है
यमगंडम का अर्थ है मृत्यु का समय या मौत का समय। यमगंडम मुहूर्त के दौरान केवल मृत्यु अनुष्ठान और समारोह किए जाते हैं। इस समय शुरू किया गया कोई भी कार्य या परिणाम अनुकूल नहीं होते हैं और विफलता हाथ लगती है इसलिए इस समय के दौरान आप धन या यात्रा से संबंधित कोई महत्वपूर्ण गतिविधि शुरू ना करें ।