ज्योतिष शास्त्र में जितना महत्व ग्रह- नक्षत्र, पंचांग, मुहूर्त, तिथि और वार को माना जाता है उतना ही आवश्यक होरा भी होता है। एक होरा का मान एक घंटे की होती है अर्थात् अहोरात्र यानि दिन- रात के 24 घंटे में कुल 24 होराएं हैं। एक होरा एक दिन में एक घंटे की अवधि का होता है और एक विशेष ग्रह द्वारा शासित होता है। इन ग्रहों पर निर्भर करता है कि होरा फायदेमंद होगा या हानिकारक।

आज के शुभ होरा मुहूर्त का समय - 15 मई 2022 देख रहें हैं Delhi, India

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शुभ होरा का समय


15 मई 2022, (रविवार)

दिन का होरा

ग्रह समय
सूर्य - 05 : 31 : 00 - 06 : 38 : 45
शुक्र - 06 : 38 : 45 - 07 : 46 : 30
बुध - 07 : 46 : 30 - 08 : 54 : 15
चन्द्र - 08 : 54 : 15 - 10 : 01 : 60
शनि - 10 : 01 : 60 - 11 : 09 : 45
गुरु - 11 : 09 : 45 - 12 : 17 : 30
मंगल - 12 : 17 : 30 - 13 : 25 : 15
सूर्य - 13 : 25 : 15 - 14 : 33 : 00
शुक्र - 14 : 33 : 00 - 15 : 40 : 45
बुध - 15 : 40 : 45 - 16 : 48 : 30
चन्द्र - 16 : 48 : 30 - 17 : 56 : 15
शनि - 17 : 56 : 15 - 19 : 04 : 00

रात्रि का होरा

ग्रह समय
गुरु - 19 : 04 : 00 - 19 : 56 : 15
मंगल - 19 : 56 : 15 - 20 : 48 : 30
सूर्य - 20 : 48 : 30 - 21 : 40 : 45
शुक्र - 21 : 40 : 45 - 22 : 33 : 00
बुध - 22 : 33 : 00 - 23 : 25 : 15
चन्द्र - 23 : 25 : 15 - 24 : 17 : 30
शनि - 24 : 17 : 30 - 25 : 09 : 45
गुरु - 25 : 09 : 45 - 26 : 01 : 60
मंगल - 26 : 01 : 60 - 26 : 54 : 15
सूर्य - 26 : 54 : 15 - 27 : 46 : 30
शुक्र - 27 : 46 : 30 - 28 : 38 : 45
बुध - 28 : 38 : 45 - 05 : 31 : 00

शुभ होरा मुहूर्त

होरा से मनुष्य के धन संपत्ति के बारें ज्ञात होता है। किसी शुभ कार्य की योजना बनाने और कार्य को करने से जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पाने तथा बुरे परिणामों से बचने के लिए होरा का उपयोग किया जाता है। होरा काल में किया गया कार्य शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य की भांति सिद्ध होता है इसलिए होरा शास्त्र को कार्य सिद्धि का अचूक माध्यम माना गया है।सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक 24 होरा होती हैं और एक सूर्योदय से एक सूर्यास्त तक होरा की संख्या 12 होती है। प्रत्येक दिन के आंरभ में प्रथम होरा उस ग्रह की होती है जिसका वार होता है। जबकि अगली होरा उसी दिन से छठे दिन की होगा और यही क्रम आगे बढ़ता जाएगा ।

उदाहरण

- पहली होराः चंद्र ग्रह की होगी

- दूसरी होराः शनि ग्रह की होगी

- तीसरी होराः गुरु ग्रह की होगी

- चौथी होराः मंगल ग्रह की होगी

- पांचवी होराः सूर्य ग्रह की होगी

- छठी होराः शुक्र ग्रह की होगी

- सातवीं होराः बुध ग्रह की होगी

- आठवीं होरा फिर से चंद्र ग्रह की होगी और यह क्रम ऐसे ही चलता रहेगा। इस प्रकार जिस दिन भी वार हो उसी वार की होरा से आगे की होरा निकाली जा सकती हैं। प्रत्येक होरा किसी विशेष कार्य के लिए शुभ होती है। आईये जानते हैं-

सूर्य होरा - प्रशासनिक, स्वास्थ्य, सरकारी काम, खेल

चंद्रमा होरा - घरेलू गृहस्थी, मातृ देखभाल, समाजिक सेवाएं, जनसंपर्क

बुध होरा - शिक्षा, संचार, व्यवसाय, सूचना प्रौघोगिकी

मंगल होरा - खेल, शारीरिक कार्य, सैन्य

शुक्र होरा - समाजिक सेवाएं, साहित्य, घरेलू गृहस्थी, मनोरंजन, कला

बृहस्पति होरा - मातृ, शिक्षा, वित्तीय, धार्मिक, यात्रा

शनि होरा - व्यवसाय, स्वच्छता, घरेलू गृहस्थी