हिन्दू कैलेंडर
Festivals 2025
Festivals in January 2025
Festivals in February 2025
1 फ़रवरी 2025 (शनिवार) |
विनायक चतुर्थी, गणेश जयन्ती |
---|---|
2 फ़रवरी 2025 (रविवार) |
वसन्त पञ्चमी |
3 फ़रवरी 2025 (सोमवार) |
स्कन्द षष्ठी |
4 फ़रवरी 2025 (मंगलवार) |
रथ सप्तमी, नर्मदा जयन्ती |
5 फ़रवरी 2025 (बुधवार) |
भीष्म अष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी |
6 फ़रवरी 2025 (गुरूवार) |
मासिक कार्तिगाई |
7 फ़रवरी 2025 (शुक्रवार) |
रोहिणी व्रत |
8 फ़रवरी 2025 (शनिवार) |
जया एकादशी |
9 फ़रवरी 2025 (रविवार) |
भीष्म द्वादशी, प्रदोष व्रत |
11 फ़रवरी 2025 (मंगलवार) |
थाई पूसम |
12 फ़रवरी 2025 (बुधवार) |
माघ पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, गुरु रविदास जयन्ती, ललिता जयन्ती, कुम्भ संक्रान्ति |
13 फ़रवरी 2025 (गुरूवार) |
फाल्गुन प्रारम्भ *उत्तर |
16 फ़रवरी 2025 (रविवार) |
संकष्टी चतुर्थी |
18 फ़रवरी 2025 (मंगलवार) |
यशोदा जयन्ती |
20 फ़रवरी 2025 (गुरूवार) |
शबरी जयन्ती, कालाष्टमी |
21 फ़रवरी 2025 (शुक्रवार) |
जानकी जयन्ती |
23 फ़रवरी 2025 (रविवार) |
महर्षि दयानन्द सरस्वती जयन्ती |
24 फ़रवरी 2025 (सोमवार) |
विजया एकादशी |
25 फ़रवरी 2025 (मंगलवार) |
प्रदोष व्रत |
26 फ़रवरी 2025 (बुधवार) |
महा शिवरात्रि |
27 फ़रवरी 2025 (गुरूवार) |
फाल्गुन अमावस्या, दर्श अमावस्या |
Festivals in March 2025
Festivals in April 2025
Festivals in May 2025
Festivals in June 2025
Festivals in July 2025
Festivals in August 2025
Festivals in September 2025
Festivals in October 2025
Festivals in November 2025
Festivals in December 2025
हिंदू कैलेंडर (हिंदू पांचाग)
भारत में प्राचीन समय से हिंदू कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है। हिंदू कैलेंडर में नये साल की शुरुआत चैत्र मास से होती है। हिंदू कैलेंडर में भी अंग्रेजी कैलेंडर की तरह बारह महीने आते हैँ। प्रमुख रूप से दो प्रकार के कैलेंडर होते हैं, पहला विक्रम संवत् और दूसरा है शक संवत्। आम जनमानस में विक्रम संवत् की पैठ बनी हुई है। वहीं आजादी के बाद सरकार ने सरकारी कैलेंडर के रूप में शक संवत् को मान्यता दे रखी है। सरकारी कार्यों में व्यवहार में ईस्वी कैलेंडर का ही उपयोग किया जाता है जिसमें जनवरी, फरवरी से दिसंबर तक के महीने होते हैं।
हिंदू फेस्टिवल कैलेंडर
जैसा कि हम सब जानते हैं हमारे हिंदू त्योहार किसी तय तिथि पर नहीं होते हैं। हिंदू त्योहार की तिथियां पूर्णिमा के दिन पर आधारित होती है और कभी कभी ये पूर्णिमा के बाद भी मनाये जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख त्योहार की तिथि चंद्रमा की स्थिति के आधार पर बदलती है जैसे होली, दिवाली, गुरु पूर्णिमा, महा शिवरात्रि और गणेश चतुर्थी आदि है।
अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतर त्योहार एक ही दिन मनाए जाते हैं, हालांकि कुछ कुछ क्षेत्रों में उत्सव का दिन भिन्न हो सकता है। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं क्यों? विभिन्न कैलेंडर की विविधताएं इसका कारण हैं।
Frequently Asked Questions
पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार ही हिंदू कैलेंडर में भी सात दिन होते हैं-
सोमवार- मन्डे
मंगलवार- ट्यूसडे
बुधवार- वेडनेसडे
गुरुवार- थ्रसडे
शुक्रवार- फ्राईडे
शनिवार- सैटरडे
रविवार- संडे
जिस प्रकार हिंदू कैलेंडर में क्रिश्चियन कैलेंडर की भांति सात दिन होते हैं ठीक उसी प्रकार हिंदू कैलेंडर में भी 12 महीने होते हैं। किंतु हिंदू कैलेंडर में वर्णित बारह महीने पश्चिमी कैलेंडर के समान अंतराल में नहीं होते हैं, बल्कि वे लगातार दो महीनों के बीच में होते हैं।
चैत्र= मार्च- अप्रैल
बैसाख= अप्रैल- मई
ज्येष्ठ= मई- जून
आषाढ़= जून- जुलाई
सावन= जुलाई- अगस्त
भद्रा= अगस्त- सितंबर
अश्विन= सितंबर- अक्टूबर
कार्तिक= अक्टूबर- नवंबर
अगहन= नवंबर- दिसंबर
पौष= दिसंबर- जनवरी
माघ= जनवरी- फरवरी
फाल्गुन= फरवरी- मार्च
भारतीय अवकाश कैलेंडर दूसरे देशों के अवकाश कैलेंडर से भिन्न होता है। उनकी तारीख और त्योहार अलग होते हैं। वह पृथ्वी के सूर्य और चंद्रमा के चक्कर पर निर्भर करता है। जो उसे दूसरों से भिन्न बनाता है। अलग अलग तिथि होने के बावजूद कुछ त्योहार हर साल एक समान होते हैं।