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Gandamool Dates Timings

2023 भद्रा दोष

  • Date

  • Place

  • Location

भद्रा 2023

आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जनवरी 2023
30 दिसंबर
2023
शुक्रवार 11:24 AM1 जनवरी
2023
रविवार 12:48 PM
9 जनवरी
2023
सोमवार 06:05 AM11 जनवरी
2023
बुधवार 11:50 AM
18 जनवरी
2023
बुधवार 05:23 PM20 जनवरी
2023
शुक्रवार 12:40 PM
26 जनवरी
2023
गुरूवार 06:57 PM28 जनवरी
2023
शनिवार 07:06 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र फ़रवरी 2023
5 फ़रवरी
2023
रविवार 12:13 PM7 फ़रवरी
2023
मंगलवार 05:45 PM
15 फ़रवरी
2023
बुधवार 02:02 AM16 फ़रवरी
2023
गुरूवार 10:53 PM
23 फ़रवरी
2023
गुरूवार 04:50 AM25 फ़रवरी
2023
शनिवार 03:27 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र मार्च 2023
4 मार्च
2023
शनिवार 06:41 PM7 मार्च
2023
मंगलवार 12:05 AM
14 मार्च
2023
मंगलवार 08:13 AM16 मार्च
2023
गुरूवार 06:24 AM
22 मार्च
2023
बुधवार 03:32 PM24 मार्च
2023
शुक्रवार 01:22 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अप्रैल 2023
1 अप्रैल
2023
शनिवार 01:57 AM3 अप्रैल
2023
सोमवार 07:24 AM
10 अप्रैल
2023
सोमवार 01:39 PM12 अप्रैल
2023
बुधवार 11:59 AM
19 अप्रैल
2023
बुधवार 01:01 AM20 अप्रैल
2023
गुरूवार 11:11 PM
28 अप्रैल
2023
शुक्रवार 09:53 AM30 अप्रैल
2023
रविवार 03:30 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र मई 2023
7 मई
2023
रविवार 08:21 PM9 मई
2023
मंगलवार 05:45 PM
16 मई
2023
मंगलवार 08:15 AM18 मई
2023
गुरूवार 07:22 AM
25 मई
2023
गुरूवार 05:54 PM27 मई
2023
शनिवार 11:43 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जून 2023
4 जून
2023
रविवार 05:03 AM6 जून
2023
मंगलवार 01:23 AM
12 जून
2023
सोमवार 01:49 PM14 जून
2023
बुधवार 01:40 PM
22 जून
2023
गुरूवार 01:21 AM24 जून
2023
शनिवार 07:19 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जुलाई 2023
1 जुलाई
2023
शनिवार 03:04 PM3 जुलाई
2023
सोमवार 11:02 AM
9 जुलाई
2023
रविवार 07:29 PM11 जुलाई
2023
मंगलवार 07:04 PM
19 जुलाई
2023
बुधवार 07:58 AM21 जुलाई
2023
शुक्रवार 01:58 PM
29 जुलाई
2023
शनिवार 12:55 AM30 जुलाई
2023
रविवार 09:32 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अगस्त 2023
6 अगस्त
2023
रविवार 02:54 AM8 अगस्त
2023
मंगलवार 01:16 AM
15 अगस्त
2023
मंगलवार 01:59 PM17 अगस्त
2023
गुरूवार 07:58 PM
25 अगस्त
2023
शुक्रवार 09:14 AM27 अगस्त
2023
रविवार 07:16 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र सितंबर 2023
2 सितंबर
2023
शनिवार 12:30 PM4 सितंबर
2023
सोमवार 09:26 AM
11 सितंबर
2023
सोमवार 08:01 PM14 सितंबर
2023
गुरूवार 02:01 AM
21 सितंबर
2023
गुरूवार 03:35 PM23 सितंबर
2023
शनिवार 02:56 PM
29 सितंबर
2023
शुक्रवार 11:18 PM1 अक्टूबर
2023
रविवार 07:27 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अक्टूबर 2023
29 सितंबर
2023
शुक्रवार 11:18 PM1 अक्टूबर
2023
रविवार 07:27 PM
9 अक्टूबर
2023
सोमवार 02:45 AM11 अक्टूबर
2023
बुधवार 08:45 AM
18 अक्टूबर
2023
बुधवार 09:01 PM20 अक्टूबर
2023
शुक्रवार 08:41 PM
27 अक्टूबर
2023
शुक्रवार 09:25 AM29 अक्टूबर
2023
रविवार 05:54 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र नवंबर 2023
5 नवंबर
2023
रविवार 10:29 AM7 नवंबर
2023
मंगलवार 04:24 PM
15 नवंबर
2023
बुधवार 03:24 AM17 नवंबर
2023
शुक्रवार 02:17 AM
23 नवंबर
2023
गुरूवार 05:16 PM25 नवंबर
2023
शनिवार 02:56 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र दिसंबर 2023
2 दिसंबर
2023
शनिवार 06:54 PM5 दिसंबर
2023
मंगलवार 12:35 AM
12 दिसंबर
2023
मंगलवार 11:57 AM14 दिसंबर
2023
गुरूवार 09:47 AM
20 दिसंबर
2023
बुधवार 10:58 PM22 दिसंबर
2023
शुक्रवार 09:36 PM
30 दिसंबर
2023
शनिवार 03:10 AM1 जनवरी
2023
सोमवार 08:36 AM

गंडमूल

हिंदू नक्षत्र में कुल 27 नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है, जिसमें कुछ नक्षत्र शुभ है और कुछ अशुभ माने गये हैं। इन अशुभ नक्षत्रों को गंडमूल कहा जाता है।ज्योतिष के अनुसार, इस श्रेणी में आने वाले नक्षत्र हैं अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती। इन नक्षत्रों का आप पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुए बच्चों के जीवन में विभिन्न बाधाओं और समस्याएं आती हैं और इन समस्याओं के निवारण के लिए पूजा की आवश्यकता होती है ।

27 नक्षत्रों में केतु व बुध के अधिकार में आने वाले नक्षत्र गंडमूल कहलाते हैं। ये गंडमूल नक्षत्र अपने अंदर अशुभ व मारक प्रभाव रखते हैं ।

1- अश्विनी नक्षत्र- इस नक्षत्र का स्वामी केतु है और देवता अश्विनी कुमार हैं।

2- अश्लेषा नक्षत्र- बुध इस नक्षत्र के स्वामी हैं और सर्प देवता हैं।

3- मघा नक्षत्र- यह केतु का नक्षत्र हैं और पितृ देवता है।

4- ज्येष्ठा नक्षत्र- इस नक्षत्र के स्वामी बुध है और इंद्र देवता हैं।

5- मूल नक्षत्र- मूल नक्षत्र के स्वामी केतु है और राक्षस इसके देवता है।

6- रेवती नक्षत्र- इसके स्वामी बुध हैं और पूषा इसके देवता है।

क्यों होता है गंडमूल नक्षत्र

हिंदू ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र, राशि और लग्न के संधि काल को अशुभ माना जाता है और गंडमूल नक्षत्र संधि नक्षत्र होत हैं इसलिए आप पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। गंडमूल नक्षत्रों के देवता भी बुरे प्रभाव प्रदान करते हैं। ये नक्षत्र मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु व मीन राशि के आरंभ व अंत में आते हैं। इन राशियों का प्रभाव आपके शरीर, मन, बुद्धि, आयु, भाग्य आदि पर पड़ता है और गंडमूल का प्रभाव भी इन्हीं के ऊपर देखने को मिलता है ।

गंडमूल दोष का प्रभाव

यदि कोई आप गंडमूल नक्षत्र में पैदा होते हैं तो आपको और आपके परिजनों को निम्न कष्टों का सामना करना पड़ सकता है-

1- आपको स्वास्थ्य संबंधी कष्टों का सामना करना पड़ता है ।

1- आपके माता पिता व भाई बहनों के जीवन पर बाधाएं आती हैं ।

1- आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।

1- आपको जीवनयापन में संघर्ष का सामना करना पड़ता है ।

1- परिवार में दरिद्रता आती है ।

1- दुर्घटना का भय बना रहता है ।

आपको बता दें कि मघा नक्षत्र के पहले दो चरण में ही माता और पिता को कष्ट होता है, बाकी के दो चरणों में बच्चे को अच्छा खासा धन व उच्च शिक्षा प्राप्त होती है ।

उपचार-

गंडमूल अश्विनी, मूल या मग में पैदा हुए है तो नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करें, बुधवार या गुरुवार को भूरे रंग के कपड़े दान करें।बच्चे के जन्म के 27वें दिन बाद शांति पूजा किया जाना चाहिए और जब तक शांति पूजा ना हो जाए तब तक पिता को बच्चे का चेहरा नहीं देखना चाहिए ।

गंडमूल अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती में पैदा हुए बच्चे के लिए बुधवार को हरी सब्जियां, धनिया, पन्ना, भूरे रंग के बर्तन और आंवला का दान करें। शिशु पूजा बच्चे के जन्म के 37वें दिन बाद किया जाना चाहिए, लेकिन 10वीं या 19वें दिन भी किया जा सकता है। यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो चंद्रमा जन्म नक्षत्र स्थिति में लौटने पर शांति पूजा करें ।