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Gandamool Dates Timings

2021 भद्रा दोष

  • Date

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भद्रा 2021

आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जनवरी 2021
1 जनवरी
2021
शुक्रवार 08:15 PM3 जनवरी
2021
रविवार 07:57 PM
10 जनवरी
2021
रविवार 10:50 AM12 जनवरी
2021
मंगलवार 07:38 AM
19 जनवरी
2021
मंगलवार 09:55 AM21 जनवरी
2021
गुरूवार 03:37 PM
29 जनवरी
2021
शुक्रवार 03:51 AM31 जनवरी
2021
रविवार 02:28 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र फ़रवरी 2021
6 फ़रवरी
2021
शनिवार 05:18 PM8 फ़रवरी
2021
सोमवार 03:21 PM
15 फ़रवरी
2021
सोमवार 06:29 PM17 फ़रवरी
2021
बुधवार 11:49 PM
25 फ़रवरी
2021
गुरूवार 01:17 PM27 फ़रवरी
2021
शनिवार 11:18 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र मार्च 2021
5 मार्च
2021
शुक्रवार 10:38 PM7 मार्च
2021
रविवार 08:59 PM
15 मार्च
2021
सोमवार 02:20 AM17 मार्च
2021
बुधवार 07:31 AM
24 मार्च
2021
बुधवार 11:12 PM26 मार्च
2021
शुक्रवार 09:40 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अप्रैल 2021
2 अप्रैल
2021
शुक्रवार 05:19 AM4 अप्रैल
2021
रविवार 02:39 AM
11 अप्रैल
2021
रविवार 08:58 AM13 अप्रैल
2021
मंगलवार 02:20 PM
21 अप्रैल
2021
बुधवार 07:59 AM23 अप्रैल
2021
शुक्रवार 07:42 AM
29 अप्रैल
2021
गुरूवार 02:30 PM1 मई
2021
शनिवार 10:16 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र मई 2021
29 अप्रैल
2021
गुरूवार 02:29 PM1 मई
2021
शनिवार 10:16 AM
8 मई
2021
शनिवार 02:47 PM10 मई
2021
सोमवार 08:26 PM
18 मई
2021
मंगलवार 02:55 PM20 मई
2021
गुरूवार 03:58 PM
27 मई
2021
गुरूवार 01:16 AM28 मई
2021
शुक्रवार 08:02 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जून 2021
4 जून
2021
शुक्रवार 08:47 PM7 जून
2021
सोमवार 02:28 AM
14 जून
2021
सोमवार 08:37 PM16 जून
2021
बुधवार 10:15 PM
23 जून
2021
बुधवार 11:48 AM25 जून
2021
शुक्रवार 06:40 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जुलाई 2021
2 जुलाई
2021
शुक्रवार 03:49 AM4 जुलाई
2021
रविवार 09:06 AM
12 जुलाई
2021
सोमवार 02:22 AM14 जुलाई
2021
बुधवार 03:41 AM
20 जुलाई
2021
मंगलवार 08:33 PM22 जुलाई
2021
गुरूवार 04:25 PM
29 जुलाई
2021
गुरूवार 12:03 PM31 जुलाई
2021
शनिवार 04:38 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अगस्त 2021
8 अगस्त
2021
रविवार 09:19 AM10 अगस्त
2021
मंगलवार 09:53 AM
17 अगस्त
2021
मंगलवार 03:02 AM19 अगस्त
2021
गुरूवार 12:07 AM
25 अगस्त
2021
बुधवार 08:48 PM28 अगस्त
2021
शनिवार 12:48 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र सितंबर 2021
4 सितंबर
2021
शनिवार 05:45 PM6 सितंबर
2021
सोमवार 05:52 PM
13 सितंबर
2021
सोमवार 08:24 AM15 सितंबर
2021
बुधवार 05:55 AM
22 सितंबर
2021
बुधवार 05:07 AM24 सितंबर
2021
शुक्रवार 08:54 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अक्टूबर 2021
2 अक्टूबर
2021
शनिवार 02:58 AM4 अक्टूबर
2021
सोमवार 03:26 AM
10 अक्टूबर
2021
रविवार 02:44 PM12 अक्टूबर
2021
मंगलवार 11:27 AM
19 अक्टूबर
2021
मंगलवार 12:13 PM21 अक्टूबर
2021
गुरूवार 04:17 PM
29 अक्टूबर
2021
शुक्रवार 11:39 AM31 अक्टूबर
2021
रविवार 01:17 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र नवंबर 2021
6 नवंबर
2021
शनिवार 11:39 PM8 नवंबर
2021
सोमवार 06:49 PM
15 नवंबर
2021
सोमवार 06:09 PM17 नवंबर
2021
बुधवार 10:43 PM
25 नवंबर
2021
गुरूवार 06:50 PM27 नवंबर
2021
शनिवार 09:43 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र दिसंबर 2021
4 दिसंबर
2021
शनिवार 10:48 AM6 दिसंबर
2021
सोमवार 04:54 AM
12 दिसंबर
2021
रविवार 12:00 PM15 दिसंबर
2021
बुधवार 04:40 AM
23 दिसंबर
2021
गुरूवार 12:45 AM25 दिसंबर
2021
शनिवार 04:10 AM

गंडमूल

हिंदू नक्षत्र में कुल 27 नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है, जिसमें कुछ नक्षत्र शुभ है और कुछ अशुभ माने गये हैं। इन अशुभ नक्षत्रों को गंडमूल कहा जाता है।ज्योतिष के अनुसार, इस श्रेणी में आने वाले नक्षत्र हैं अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती। इन नक्षत्रों का आप पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुए बच्चों के जीवन में विभिन्न बाधाओं और समस्याएं आती हैं और इन समस्याओं के निवारण के लिए पूजा की आवश्यकता होती है ।

27 नक्षत्रों में केतु व बुध के अधिकार में आने वाले नक्षत्र गंडमूल कहलाते हैं। ये गंडमूल नक्षत्र अपने अंदर अशुभ व मारक प्रभाव रखते हैं ।

1- अश्विनी नक्षत्र- इस नक्षत्र का स्वामी केतु है और देवता अश्विनी कुमार हैं।

2- अश्लेषा नक्षत्र- बुध इस नक्षत्र के स्वामी हैं और सर्प देवता हैं।

3- मघा नक्षत्र- यह केतु का नक्षत्र हैं और पितृ देवता है।

4- ज्येष्ठा नक्षत्र- इस नक्षत्र के स्वामी बुध है और इंद्र देवता हैं।

5- मूल नक्षत्र- मूल नक्षत्र के स्वामी केतु है और राक्षस इसके देवता है।

6- रेवती नक्षत्र- इसके स्वामी बुध हैं और पूषा इसके देवता है।

क्यों होता है गंडमूल नक्षत्र

हिंदू ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र, राशि और लग्न के संधि काल को अशुभ माना जाता है और गंडमूल नक्षत्र संधि नक्षत्र होत हैं इसलिए आप पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। गंडमूल नक्षत्रों के देवता भी बुरे प्रभाव प्रदान करते हैं। ये नक्षत्र मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु व मीन राशि के आरंभ व अंत में आते हैं। इन राशियों का प्रभाव आपके शरीर, मन, बुद्धि, आयु, भाग्य आदि पर पड़ता है और गंडमूल का प्रभाव भी इन्हीं के ऊपर देखने को मिलता है ।

गंडमूल दोष का प्रभाव

यदि कोई आप गंडमूल नक्षत्र में पैदा होते हैं तो आपको और आपके परिजनों को निम्न कष्टों का सामना करना पड़ सकता है-

1- आपको स्वास्थ्य संबंधी कष्टों का सामना करना पड़ता है ।

1- आपके माता पिता व भाई बहनों के जीवन पर बाधाएं आती हैं ।

1- आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।

1- आपको जीवनयापन में संघर्ष का सामना करना पड़ता है ।

1- परिवार में दरिद्रता आती है ।

1- दुर्घटना का भय बना रहता है ।

आपको बता दें कि मघा नक्षत्र के पहले दो चरण में ही माता और पिता को कष्ट होता है, बाकी के दो चरणों में बच्चे को अच्छा खासा धन व उच्च शिक्षा प्राप्त होती है ।

उपचार-

गंडमूल अश्विनी, मूल या मग में पैदा हुए है तो नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करें, बुधवार या गुरुवार को भूरे रंग के कपड़े दान करें।बच्चे के जन्म के 27वें दिन बाद शांति पूजा किया जाना चाहिए और जब तक शांति पूजा ना हो जाए तब तक पिता को बच्चे का चेहरा नहीं देखना चाहिए ।

गंडमूल अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती में पैदा हुए बच्चे के लिए बुधवार को हरी सब्जियां, धनिया, पन्ना, भूरे रंग के बर्तन और आंवला का दान करें। शिशु पूजा बच्चे के जन्म के 37वें दिन बाद किया जाना चाहिए, लेकिन 10वीं या 19वें दिन भी किया जा सकता है। यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो चंद्रमा जन्म नक्षत्र स्थिति में लौटने पर शांति पूजा करें ।