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Gandamool Dates Timings

2016 भद्रा दोष

  • Date

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  • Location

भद्रा 2016

आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जनवरी 2016
7 जनवरी
2016
गुरूवार 08:57 AM9 जनवरी
2016
शनिवार 10:01 AM
16 जनवरी
2016
शनिवार 02:33 AM17 जनवरी
2016
रविवार 11:58 PM
24 जनवरी
2016
रविवार 08:44 PM26 जनवरी
2016
मंगलवार 11:40 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र फ़रवरी 2016
3 फ़रवरी
2016
बुधवार 06:09 PM5 फ़रवरी
2016
शुक्रवार 07:43 PM
12 फ़रवरी
2016
शुक्रवार 09:07 AM14 फ़रवरी
2016
रविवार 05:33 AM
21 फ़रवरी
2016
रविवार 04:00 AM23 फ़रवरी
2016
मंगलवार 07:23 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र मार्च 2016
2 मार्च
2016
बुधवार 02:38 AM4 मार्च
2016
शुक्रवार 05:20 AM
10 मार्च
2016
गुरूवार 06:21 PM12 मार्च
2016
शनिवार 01:15 PM
19 मार्च
2016
शनिवार 09:49 AM21 मार्च
2016
सोमवार 01:47 PM
29 मार्च
2016
मंगलवार 09:41 AM31 मार्च
2016
गुरूवार 01:24 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अप्रैल 2016
7 अप्रैल
2016
गुरूवार 05:21 AM8 अप्रैल
2016
शुक्रवार 11:23 PM
15 अप्रैल
2016
शुक्रवार 03:37 PM17 अप्रैल
2016
रविवार 07:33 PM
25 अप्रैल
2016
सोमवार 03:40 PM27 अप्रैल
2016
बुधवार 07:44 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र मई 2016
4 मई
2016
बुधवार 04:01 PM6 मई
2016
शुक्रवार 10:23 AM
12 मई
2016
गुरूवार 10:45 PM15 मई
2016
रविवार 01:53 AM
22 मई
2016
रविवार 09:34 PM25 मई
2016
बुधवार 01:20 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जून 2016
1 जून
2016
बुधवार 12:42 AM2 जून
2016
गुरूवार 08:17 PM
9 जून
2016
गुरूवार 07:31 AM11 जून
2016
शनिवार 09:30 AM
19 जून
2016
रविवार 04:15 AM21 जून
2016
मंगलवार 07:31 AM
28 जून
2016
मंगलवार 07:05 AM30 जून
2016
गुरूवार 03:56 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र जुलाई 2016
6 जुलाई
2016
बुधवार 05:00 PM8 जुलाई
2016
शुक्रवार 06:11 PM
16 जुलाई
2016
शनिवार 11:57 AM18 जुलाई
2016
सोमवार 03:04 PM
25 जुलाई
2016
सोमवार 12:27 PM27 जुलाई
2016
बुधवार 09:41 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अगस्त 2016
3 अगस्त
2016
बुधवार 01:53 AM5 अगस्त
2016
शुक्रवार 02:59 AM
12 अगस्त
2016
शुक्रवार 08:18 PM14 अगस्त
2016
रविवार 11:47 PM
21 अगस्त
2016
रविवार 06:46 PM23 अगस्त
2016
मंगलवार 03:13 PM
30 अगस्त
2016
मंगलवार 09:13 AM1 सितंबर
2016
गुरूवार 10:54 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र सितंबर 2016
30 अगस्त
2016
मंगलवार 09:13 AM1 सितंबर
2016
गुरूवार 10:54 AM
9 सितंबर
2016
शुक्रवार 04:27 AM11 सितंबर
2016
रविवार 08:45 AM
18 सितंबर
2016
रविवार 03:22 AM19 सितंबर
2016
सोमवार 10:29 PM
26 सितंबर
2016
सोमवार 03:04 PM28 सितंबर
2016
बुधवार 05:26 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र अक्टूबर 2016
6 अक्टूबर
2016
गुरूवार 11:42 AM8 अक्टूबर
2016
शनिवार 04:47 PM
15 अक्टूबर
2016
शनिवार 02:02 PM17 अक्टूबर
2016
सोमवार 08:17 AM
23 अक्टूबर
2016
रविवार 08:39 PM25 अक्टूबर
2016
मंगलवार 11:03 PM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र नवंबर 2016
2 नवंबर
2016
बुधवार 05:58 PM4 नवंबर
2016
शुक्रवार 11:22 PM
12 नवंबर
2016
शनिवार 01:01 AM13 नवंबर
2016
रविवार 07:36 PM
20 नवंबर
2016
रविवार 03:45 AM22 नवंबर
2016
मंगलवार 05:10 AM
29 नवंबर
2016
मंगलवार 11:56 PM2 दिसंबर
2016
शुक्रवार 05:06 AM
आरम्भ समाप्त
दिनांक दिन समय दिनांक दिन समय
गण्ड मूल नक्षत्र दिसंबर 2016
29 नवंबर
2016
मंगलवार 11:56 PM2 दिसंबर
2016
शुक्रवार 05:06 AM
9 दिसंबर
2016
शुक्रवार 10:13 AM11 दिसंबर
2016
रविवार 06:14 AM
17 दिसंबर
2016
शनिवार 01:09 PM19 दिसंबर
2016
सोमवार 01:04 PM
27 दिसंबर
2016
मंगलवार 06:28 AM29 दिसंबर
2016
गुरूवार 11:18 AM

गंडमूल

हिंदू नक्षत्र में कुल 27 नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है, जिसमें कुछ नक्षत्र शुभ है और कुछ अशुभ माने गये हैं। इन अशुभ नक्षत्रों को गंडमूल कहा जाता है।ज्योतिष के अनुसार, इस श्रेणी में आने वाले नक्षत्र हैं अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती। इन नक्षत्रों का आप पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुए बच्चों के जीवन में विभिन्न बाधाओं और समस्याएं आती हैं और इन समस्याओं के निवारण के लिए पूजा की आवश्यकता होती है ।

27 नक्षत्रों में केतु व बुध के अधिकार में आने वाले नक्षत्र गंडमूल कहलाते हैं। ये गंडमूल नक्षत्र अपने अंदर अशुभ व मारक प्रभाव रखते हैं ।

1- अश्विनी नक्षत्र- इस नक्षत्र का स्वामी केतु है और देवता अश्विनी कुमार हैं।

2- अश्लेषा नक्षत्र- बुध इस नक्षत्र के स्वामी हैं और सर्प देवता हैं।

3- मघा नक्षत्र- यह केतु का नक्षत्र हैं और पितृ देवता है।

4- ज्येष्ठा नक्षत्र- इस नक्षत्र के स्वामी बुध है और इंद्र देवता हैं।

5- मूल नक्षत्र- मूल नक्षत्र के स्वामी केतु है और राक्षस इसके देवता है।

6- रेवती नक्षत्र- इसके स्वामी बुध हैं और पूषा इसके देवता है।

क्यों होता है गंडमूल नक्षत्र

हिंदू ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र, राशि और लग्न के संधि काल को अशुभ माना जाता है और गंडमूल नक्षत्र संधि नक्षत्र होत हैं इसलिए आप पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। गंडमूल नक्षत्रों के देवता भी बुरे प्रभाव प्रदान करते हैं। ये नक्षत्र मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु व मीन राशि के आरंभ व अंत में आते हैं। इन राशियों का प्रभाव आपके शरीर, मन, बुद्धि, आयु, भाग्य आदि पर पड़ता है और गंडमूल का प्रभाव भी इन्हीं के ऊपर देखने को मिलता है ।

गंडमूल दोष का प्रभाव

यदि कोई आप गंडमूल नक्षत्र में पैदा होते हैं तो आपको और आपके परिजनों को निम्न कष्टों का सामना करना पड़ सकता है-

1- आपको स्वास्थ्य संबंधी कष्टों का सामना करना पड़ता है ।

1- आपके माता पिता व भाई बहनों के जीवन पर बाधाएं आती हैं ।

1- आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।

1- आपको जीवनयापन में संघर्ष का सामना करना पड़ता है ।

1- परिवार में दरिद्रता आती है ।

1- दुर्घटना का भय बना रहता है ।

आपको बता दें कि मघा नक्षत्र के पहले दो चरण में ही माता और पिता को कष्ट होता है, बाकी के दो चरणों में बच्चे को अच्छा खासा धन व उच्च शिक्षा प्राप्त होती है ।

उपचार-

गंडमूल अश्विनी, मूल या मग में पैदा हुए है तो नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करें, बुधवार या गुरुवार को भूरे रंग के कपड़े दान करें।बच्चे के जन्म के 27वें दिन बाद शांति पूजा किया जाना चाहिए और जब तक शांति पूजा ना हो जाए तब तक पिता को बच्चे का चेहरा नहीं देखना चाहिए ।

गंडमूल अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती में पैदा हुए बच्चे के लिए बुधवार को हरी सब्जियां, धनिया, पन्ना, भूरे रंग के बर्तन और आंवला का दान करें। शिशु पूजा बच्चे के जन्म के 37वें दिन बाद किया जाना चाहिए, लेकिन 10वीं या 19वें दिन भी किया जा सकता है। यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो चंद्रमा जन्म नक्षत्र स्थिति में लौटने पर शांति पूजा करें ।