जब कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो और किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना उत्तम होता है। चौघड़िया वैदिक पंचांग का रूप है। ज्योतिष में चौघड़िया को विशेष स्थान प्राप्त है। पारंपरिक रूप से चौघड़िया को यात्रा मुहूर्त के लिए देखा जाता है ।

हम पूजा पाठ या कोई भी शुभ कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं। शुभ मुहूर्त पर शुरू किये गए कार्य के परिणाम इच्छानुसार आएगा इसकी संभावना अधिक होती है। शुभ समय क्या है और इसकी जानकारी हमें कैसे प्राप्त होगी। तो आप चौघड़िया देखकर शुभ समय ज्ञात कर सकते हैं ।

आज का चौघड़िया मुहूर्त - 07 मई 2022

  • Date

  • Place

  • Location

शुभ चौघड़िया का समय


7 मई 2022, (शनिवार)

दिन का चौघड़िया

मुहूर्त समय
काल 05 : 37 : 00 - 07 : 17 : 15
शुभ 07 : 17 : 15 - 08 : 57 : 30
रोग 08 : 57 : 30 - 10 : 37 : 45
उद्वेग 10 : 37 : 45 - 12 : 18 : 00
चर 12 : 18 : 00 - 13 : 58 : 15
लाभ 13 : 58 : 15 - 15 : 38 : 30
अमृत 15 : 38 : 30 - 17 : 18 : 45
काल 17 : 18 : 45 - 18 : 58 : 60

रात्रि का चौघड़िया

मुहूर्त समय
लाभ 18 : 58 : 60 - 20 : 18 : 45
उद्वेग 20 : 18 : 45 - 21 : 38 : 30
शुभ 21 : 38 : 30 - 22 : 58 : 15
अमृत 22 : 58 : 15 - 24 : 18 : 00
चर 24 : 18 : 00 - 25 : 37 : 45
रोग 25 : 37 : 45 - 26 : 57 : 30
काल 26 : 57 : 30 - 28 : 17 : 15
लाभ 28 : 17 : 15 - 05 : 37 : 00

क्या है चौघड़िया

चौघड़िया हिंदू कैलेंडर पर आधारित शुभ और अशुभ समय का पता लगाने की प्रणाली है। जो खगोलीय स्थिति के आधार पर दिन के 24 घंटों की दशा बताती है। इसमें प्रतिदिन के लिए दिन, नक्षत्र, योग, तिथि व करण दिये होते हैं। चौघड़िया में 24 घंटों को 16 भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें आठ मुहूर्त का संबंध दिन से होता है और आठ मुहूर्त का संबंध रात से। हर मुहूर्त डेढ़ घंटे का होता है। दिन और रात मिलकार एक हफ्ते में 112 मुहूर्त होते हैं। यदि आपको कोई अचानक काम शुरू करना है तो उस अवधि के दौरान शुभ चौघड़िया मुहूर्त का इस्तेमाल करना आपके लिए अच्छा रहेगा ।

चौघड़िया का अर्थ और प्रकार

चौघड़िया का अर्थ चार घड़ी से है जिसमें कुल 96 मिनट होते हैं। हिंदी शब्दों से व्युत्पन्न, चौघड़िया में ‘चै’ का अर्थ चार है और ‘घड़ी’ का अर्थ समय अवधि से है। इसे चतुर्षिका मुहूर्त के रूप में भी जानते हैं। ज्योतिष शास्त्र में चार प्रकार की शुभ चौघड़िया होती हैं और तीन प्रकार की अशुभ चौघड़िया हैं। प्रत्येक चौघड़िया किसी ना किसी कार्य के लिए निर्धारित है। वो इस प्रकार हैं-

- उदवेग चौघड़ियाः उदगेव पहला मुहूर्त चौघड़िया में होता है जो सूर्य ग्रह के द्वारा शासित है।यह समय या घड़ी अशुभ मानी जाती है किंतु अगर आप सरकार से संबंधित कार्य करने जा रहे हैं तो आपको फलदायक परिणाम मिलते हैं।

- लाभ चौघड़ियाः लाभ चौघड़िया बुध ग्रह द्वारा शासित होती है यह दूसरी चौघड़िया है इसे शुभ माना जाता है। किसी शैक्षिक या व्यवसायिक कार्य शुरू करने के लिए यह समय बहुत उपयुक्त माना जाता है।

- चर चौघड़ियाः यह तीसरी चौघड़िया है, चर चौघड़िया शुक्र ग्रह द्वारा शासित होती है जिसे यात्रा के प्रायोजनों के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है।

- रोग चौघड़ियाः चौघड़िया का चौथा मुहूर्त मंगल ग्रह द्वारा शासित होता है। यह अशुभ मुहूर्त है जिसमें आपको शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए और ना ही किसी प्रकार की चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। इस समय में युद्ध और शत्रु से संघर्ष की संभावना रहती है।

- शुभ चौघड़ियाः शुभ चौघड़िया जैसा कि नाम से स्पष्ट है यह किसी भी कार्य को करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। शुभ चौघड़िया बृहस्पति ग्रह द्वारा शासित है, इस दौरान विवाह, पूजा, यज्ञ और अन्य धार्मिक गतिविधियों के कार्य होते हैं।

- काल चौघड़ियाः शनि द्वारा शासित काल चौघड़िया अशुभ मानी जाती है। लेकिन धन संचय के लिए इस अवधि को फलदायी समय माना जाता है।

- अमृत चौघड़ियाः चौघड़िया के अंतिम मुहूर्त अमृत चौघड़िया चंद्रमा ग्रह द्वारा शासित होती है। जिसे दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है। इस अवधि में आपके द्वारा किया गया कोई भी परिणाम सकारात्मक होता है।