माता लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। ऐसे में हर किसी की चाहत होती है उसके घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना के लिए सबसे अच्छा दिन शुक्रवार का माना जाता है। इस दिन भक्तगण माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के कई प्रयास और उपाय करते हैं जिससे उन्हें माता का आशीर्वाद मिलता है। और व्यक्ति के जीवन में धन, सुख और समृद्धि की कमी नहीं होती है।
आपने देखा होगा कि माता लक्ष्मी कमल के फूल में विराजमान रहती हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा में कमल का फूल विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। फिर चाहे दीपावली हो या कोई अन्य पूजा अर्चना। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि लक्ष्मी माता कमल के पुष्प में क्यों विराजमान रहती हैं। कहते हैं कि मां लक्ष्मी के पुष्प पर बैठने का एक धार्मिक कारण है। जिसमें एक संदेश भी निहित है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या वजह है कि माता लक्ष्मी कमल के पुष्प में विराजमान रहती हैं।
कमल के फूल पर क्यों विराजमान रहती हैं मां लक्ष्मी
अक्सर हमने माता लक्ष्मी को कमल के पुष्प पर बैठे देखा है। मान्यता के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को सीमित या पर्याप्त धन मिले और वह व्यक्ति और अधिक धन की लालसा रखता है तो उसका पतन होना शुरु हो जाता है। ऐसा अक्सर देखने में आता है कि व्यक्ति धन की मोह माया में फंस कर गलत रास्ते पर चलने लगता है। इस वजह से वह अपने जीवन में पतन के रास्ते चलने लगता है। इसी बात का संदेश देता है कमल का फूल। दरअसल, कमल का फूल अपनी सुंदरता और कोमलता के लिए मशहूर है। कीचड़ में खिलने के बाद भी वह अपने ऊपर गंदगी हावी नहीं होने देता है।
देवी लक्ष्मी भी यही संदेश देती हैं कि कीचड़ और गंदगी जैसे समाज में रह कर भी जो लोग खुद को पवित्र और निर्मल बनाए हुए हैं उनके ऊपर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव बना रहेगा। मान्यता के अनुसार ऐसे लोगों से देवी लक्ष्मी हमेशा प्रसन्न रहती हैं। कहते हैं जिन लोगों को जरूरत से अधिक धन की प्रप्ति होती है तो भी उन्हें खुद को कमल की तरह कीचड़ में रहते हुए भी निर्मल बनाए रखना चाहिए।
किस पर कृपा बरसाती हैं माता लक्ष्मी
देवी लक्ष्मी उन लोगों पर अपनी कृपा बरसाती हैं जो अधार्मिक कार्यों से दूर रहते हैं और खुद को अच्छे कार्यों में व्यस्त रखते हैं। जिस प्रकार कमल के पुष्प पर बैठी माता लक्ष्मी जरा भी घमंड नहीं करतीं। ठीक उसी तरह मनुष्य को भी धन की प्राप्ति हो जाने पर घमंड नहीं करना चाहिए।
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