अधिक मास यानी भगवान विष्णु को खुश करने का सबसे श्रेष्ठ महीना। पुरुषोत्तम मास को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिला हुआ है इसलिए इस माह के दौरान श्री हरि की पूजा करना, दान देना और मंत्रों का जप करना बहुत ही शुभदायी होता है। मान्यता है कि अधिक मास में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से उनकी कृपा होती है और घर में सुख समृद्धि का वास होता है।
अधिक मास 2023 धन लाभ के लिए मंत्र
- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टंह च लभ्यते।।
- अधिक मास में रोजाना इस मंत्र का जाप करें। इससे अटका हुआ धन वापस आ जाएगा।
- धन लाभ होगा और धन (धन लाभ के उपाय) में वृद्धि के योग भी बनेंगे। इस मंत्र से धन घर में स्थाई रहता है।
अधिक मास 2023 कार्य पूर्ति के लिए मंत्र
- ऊं आं संकर्षणाय नम:। इस मंत्र का जाप किसी भी कार्य की पूर्ति के लिए किया जाता है।
- अधिकमास में 108 (108 बार ही क्यों करते हैं मंत्र जाप) बार इस मंत्र का जाप करने से रुका हुआ काम पूर्ण हो जाता है।
- काम में आ रही बाधा डोर होती है और शुभ परिणाम मिलने के योग भी बनने लगते हैं।
अधिक मास 2023 विवाह के लिए मंत्र
- ऊं अ: अनुरुद्धाय नम:। यह मंत्र विवाह में हो रही देरी से परेशान लोगों के लिए शुभ है।
- इस मंत्र के जाप से जिनका रिश्ता पक्का नहीं हो पा रहा है उन्हें शीघ्र खुशखबरी मिलेगी।
- साथ ही, जिन लोगों को वैवाहिक जीवन के कष्ट उठाने पड़ रहे हैं उनके लिए भी शुभ होगा।
अधिक मास 2023 भगवान विष्णु की कृपा के लिए
- ऊं अं वासुदेवाय नम:। इस मंत्र का जाप रोजाना करने से भगवान विष्णु की कृपा होती है।
- मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होंकर घर में निवास करती हैं। घर में कभी धन का अभाव नहीं होता है।
- भगवान विष्णु की कृपा से घर में सकारात्मकता का संचार होता है और उन्नति मिलती है।
अधिक मास में भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जाप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इस समय पर किया गया दान सुखों को देने वाला और कष्टों को दूर करने वाला होता है। वहीं इस महीने कुछ चीजों का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
तुलसी का दान
शास्त्रों में अधिकमास के दौरान तुलसी करने का विशेष महत्व बताया गया है। तुलसी का दान करने से व्यक्ति का जीवन प्रेम से भर जाता है। इसके द्वारा जीवन का अंधकार मिटता है। इसलिए इस समय के दौरान तुलसी पूजा के साथ साथ तुलसी के पौधे का दान बहुत शुभ माना गया है।
केसर एवं चंदन का दान
पुरुषोत्तम मास के दौरान केसर और चंदन का दान बहुत शुभ होता है। यह समय श्री विष्णु को समर्पित है इसलिए केसर और पीला चंदन यदि दान किया जाए तो व्यक्ति को मानसिक विकारों से शांति मिलती है और जीवन सुगंधित बनता है। व्यक्ति को इस समय पर केसर का दान करने से पुण्यों की प्राप्ति होती है, इस समय चंदन का दान करने से शीतलता एवं मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
अन्न दान महादान
पुरुषोत्तम मास के दौरान यदि गरीबों को भोजन का दान किया जाए तो यह दान अक्षय रुप में प्राप्त होता है। इस प्रकार के दान का कभी नाश नहीं होता है। पुरुषोत्तम मास में वैसे तो संभव हो सके हर दिन खाने की कोई वस्तु गरीबों को दान करें। लेकिन यदि संभव ना हो पाए तो पुरुषोत्तम माह के दौरान कुछ विशेष तिथियों पर जैसे एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या इत्यादि के दिन खाने पीने की वस्तुओं का दान करना शुभदायक होता है।
पुरुषोत्तम मास में दीपदान
पुरुषोत्तम मास के दौरान दीपदान का बहुत महत्व होता है। इस समय के दौरान सुबह और शाम के समय पर दीपक जलाना बहुत खास होता है। इस माह के दौरान पवित्र नदियों, धर्म स्थलों एवं पेड़ पौधों के समक्ष दीपदान करना शुभ फलों को प्रदान करता है।
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