चैत्र नवरात्रि पर भक्त माता रानी को प्रसन्न करने का हर प्रयास करते हैं। मां दुर्गा की कृपा पाने का यह उत्तम अवसर होता है। माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ संस्कृत में होता है ऐसे में कई बार लोग किसी कारणवश पाठ नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आप पूरे नवरात्रि केवल नवार्ण मंत्र का जाप करते हैं तो भी आपको उसके बराबर नवदुर्गा का आशीर्वाद मिलेगा। साथ ही महालक्ष्मी, महाकाली और माता सरस्वती की भी कृपा प्राप्त होगी।
क्या है नवार्ण मंत्र?
मार्कण्डेय पुराण में नवार्ण मंत्र ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।। के बारे में बताया गया है। इस मंत्र को मां दुर्गा की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। आप इस मंत्र का जाप चारों नवरात्रि में कर सकते हैं। इस मंत्र के बारे में भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था। इसे सभी देवी मंत्रों का सार तत्व कहा जाता है।
नवार्ण मंत्र के फायदे
1. नवार्ण मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
2. इस मंत्र के जाप से बिजनेस, करोबार और करियर में उन्नति होती है। पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
3. जो लोग संतान सुख से वंचित हैं, वे लोग भी इस मंत्र का जाप करके लाभ पा सकते हैं।
4. नवार्ण मंत्र के जाप से भय दूर होता है, साहस और पराक्रम में वृद्धि होती है. मां काली उसकी रक्षा करती हैं।
5. करियर में यदि कोई समस्या है तो इस मंत्र के जाप से वह दूर हो जाता है।
6. कुंडली के ग्रह दोषों को शांत करने के लिए यह मंत्र काफी कारगार माना जाता है।
7. इस मंत्र के जाप में माता महालक्ष्मी का आह्वान किया जाता है। उनकी कृपा से दरिद्रता दूर होती है। सुख समृद्धि बढ़ती है।
8. नवार्ण मंत्र के जाप से व्यक्ति के हर प्रकार के पाप का नाश होता है। मानसिक शांति प्राप्त होती है।
9. इस मंत्र का जाप से दुर्गा सप्तशती के पाठ के समान पुण्य फल मिलता है।
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